tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post4236807524277834184..comments2023-10-08T03:55:25.020-07:00Comments on आइये करें गपशप: माफ कीजिएगा, मैं ब्लाग जगत और तथाकथित बौद्धिक जनों की झूठी दलीलों से ऊब गया हूं....prabhat gopalhttp://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-83840349334916616182010-05-07T00:49:04.009-07:002010-05-07T00:49:04.009-07:00क्या कहें?क्या कहें?Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-80044419849088505422010-05-06T01:18:25.902-07:002010-05-06T01:18:25.902-07:00भविष्य में अगर मेरी संतान किसी से अपने मन से विवाह...भविष्य में अगर मेरी संतान किसी से अपने मन से विवाह की इच्छा जताये, तो जरूर राजी होऊंगा, लेकिन एक भरोसा ये जरूर चाहूंगा कि वह अपने अस्तित्व और प्रतिष्ठा से खिलवाड़ न करे। <br />theek hai lekin yahi apeksha ek ladki bhi to pita se kar sakti hai...? yadi nahin to fir aaj bhi ham apni soch hi us par thopenge aur uske faisle ka maan nahin kar paenge.pareshaniyan yahin se prarambh hoti hain.varshahttps://www.blogger.com/profile/03696490521458060753noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-17696616097583368272010-05-05T22:20:20.532-07:002010-05-05T22:20:20.532-07:00नियमानुसार चलने पर कोई कठिनाई नहीं होगी, सहमतनियमानुसार चलने पर कोई कठिनाई नहीं होगी, सहमतSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-40937778546272418462010-05-05T22:05:20.309-07:002010-05-05T22:05:20.309-07:00निरूपमाओं को क्या करना चाहिए ये उन पर छोड़ देने म...निरूपमाओं को क्या करना चाहिए ये उन पर छोड़ देने में ऐसी क्या दिक्कत है? वो शादी करती, बिनब्याही मॉं बनती या गर्भपात कराती इनमें से कुछ भी इतना बुरा नहीं होता न ही नृशंस जितना हुआ। <br /><br />विवाह या परिवार संस्था या ऐसा कोई भी अनुष्ठान मानवमात्र के अस्तित्व से बढ़कर न है न उसे प्रचारित किया जाना चाहिए।मसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-37820846956685947992010-05-05T18:06:15.909-07:002010-05-05T18:06:15.909-07:00आपसे पूर्णतया सहमतआपसे पूर्णतया सहमतGyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-26982800126329537552010-05-05T12:07:32.816-07:002010-05-05T12:07:32.816-07:00kaise dogle log hain yahan par ?
yahan bhi han..ha...kaise dogle log hain yahan par ?<br />yahan bhi han..han <br />wahan bhi han...han <br />is mudde par pahli koyi sahi post dekh raha hun <br />baaki log yahan laffaaji kar rahe hain <br />jinhone nirupma ke pax men post likh maari hai unki bahan betiyan kitni baar avivaahit garbhvati huyi hain ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-32719645526490833712010-05-05T08:50:14.979-07:002010-05-05T08:50:14.979-07:00प्रभातजी,आप ब्लॉगर के बजाय हमलोगों के कभी-कभी गार्...प्रभातजी,आप ब्लॉगर के बजाय हमलोगों के कभी-कभी गार्जियन बन जाते हैं।..<br />और विवाह संस्था को आपकी बचाने की पैरवी एक तरह से सांती सोच को भी बनाए रखने का भी पक्षधर है। इसलिए आपके सद्विचार भी कई बार गड्डमड्ड हो जाते हैं।.विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-85829375388338113402010-05-05T05:46:52.841-07:002010-05-05T05:46:52.841-07:00सही कहा आपने।सही कहा आपने।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-74877461066991010852010-05-05T05:19:19.683-07:002010-05-05T05:19:19.683-07:00"एकदम सही. बिल्कुल सही.. प्रियभांशु अपराधी है..."एकदम सही. बिल्कुल सही.. प्रियभांशु अपराधी है और निस्संदेह है.. उसे ऐसे पेश कर रहे हैं जैसे कि सबसे बड़ा गम का मारा हो, लेकिन सबसे बड़ा अपराधी तो वही है. "<br /><br />सहमत ....और डरपोक भी ...उसने जन बूझ कर निरुपमा को अकेले जाने दिया ..सोचा होगा चलो बला ताल जायेगीं ..<br />अब खुद निपटे हमें तो जो करना था कर दिया ... झेले अकेले अब ....ओह बहुत दुखद ....कोई है जो इस नराधम को सीकचों के अंदर करे ..Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-5498385731418742982010-05-05T04:43:23.194-07:002010-05-05T04:43:23.194-07:00एकदम सही. बिल्कुल सही.. प्रियभांशु अपराधी है और नि...एकदम सही. बिल्कुल सही.. प्रियभांशु अपराधी है और निस्संदेह है.. उसे ऐसे पेश कर रहे हैं जैसे कि सबसे बड़ा गम का मारा हो, लेकिन सबसे बड़ा अपराधी तो वही है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-40005884013857937982010-05-05T02:18:42.699-07:002010-05-05T02:18:42.699-07:00आपसे पूर्णतया सहमत हूँ ।आपसे पूर्णतया सहमत हूँ ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-4246637391402446242010-05-05T01:54:25.605-07:002010-05-05T01:54:25.605-07:00आपको एसा नहीं लगता कि क्यों कि निरुपमा मीडिया से ज...आपको एसा नहीं लगता कि क्यों कि निरुपमा मीडिया से जुडी हुयी थी इसी लिए इतना बवाल है ............. ज़रा आस पास गौर से देखिये बहुत सी निरुपमा मिलेगी !! उनके लिए कोई क्यों नहीं बोलता ??शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-50232524983811709462010-05-05T01:53:01.401-07:002010-05-05T01:53:01.401-07:001) "...निरूपमा के तथाकथित मित्र
द्वारा विवाह...1) "...निरूपमा के तथाकथित मित्र <br />द्वारा विवाह जैसी व्यवस्था के लिए पहल में देरी करना उसी गैर-जिम्मेवार रवैये का परिणाम है, जो कि आज की युवा पीढ़ी लगातार तथाकथित फरजी बौद्धिक जमात से ग्रहण कर रही है..." <br /><br />- एकदम सही बात… पूरी तरह सहमत। <br /><br />2) "…रांची जैसे शहर में प्रेम के नाम पर जिंदगी को दांव पर लगाने की घटना आम होती जा रही है। वैसे भी लड़की, आप मानिये या मानिये, सबसे खतरनाक स्थिति में होती है…" <br /><br />- ये हाल सभी मध्यम शहरों के हैं… कलाई काटना, फ़ाँसी लगाना, तेल छिड़ककर आग लगा लेना, तो छोटा-मोटा काम माना जाता है आजकल… <br /><br />@ गोदियाल जी - "…निरुपमा पत्रकार थी इस लिए यह चिल पौं हो रही है , इस देश में रोज पता नहीं कितनी निरुपमाये इस तरह मरती है…" <br /><br />- एकदम सही बात… पूरी तरह सहमत।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-26931477518493106162010-05-05T01:03:53.257-07:002010-05-05T01:03:53.257-07:00इतनी जोर शोर से ये ब्लोगर और मीडिया वाले दहेज़ का ...इतनी जोर शोर से ये ब्लोगर और मीडिया वाले दहेज़ का विरोध करते तो पता नहीं कितनी निरुपमाओं का भला हो जाता , लेकिन नहीं, ये दहेज़ तो नहीं लेते मगर इनको शादी के वक्त एक कार तो चाहिए ही !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-18872435247853473342010-05-05T01:01:40.238-07:002010-05-05T01:01:40.238-07:00एक बार आपसे फिर पूरी तरह सहमत प्रभात जी ! ये लोग स...एक बार आपसे फिर पूरी तरह सहमत प्रभात जी ! ये लोग समाज की भी दुहाई देते है और साथ में पश्चिमवादी बनने का नाटक भी करते है ! जिस माँ ने अपनी ही बेटी का गला घोंटा होगा, उसकी आत्मा कितनी चित्कारें मार रही होगी, शायद कोई नहीं समझ सकता ! क्या एक पढी लिखे बेटी का यह फर्ज नहीं बनता था कि दकियानूसी समाज में जी रहे माँ बाप की इस मुसीबत का भी ध्यान रखे ?<br /><br />खैर, बेकार है यह सब कूढ्ना, कोई फायदा नहीं, यहाँ तो बस जिधर हरी उधर चडी वाली कहावत है ! निरुपमा पत्रकार थी इस लिए यह चिल पौं हो रही है , इस देश में रोज पता नहीं कितनी निरुपमाये इस तरह मरती है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-71521375694243241942010-05-05T00:50:30.939-07:002010-05-05T00:50:30.939-07:00"इसलिए स्त्री विमर्श के बहाने घटिया बौद्धिक ज..."इसलिए स्त्री विमर्श के बहाने घटिया बौद्धिक जुगाली से ऊपर उठिये।"<br /><br />"इसलिए स्त्री विमर्श के बहाने घटिया बौद्धिक जुगाली से ऊपर उठिये।"<br /><br />"इसलिए स्त्री विमर्श के बहाने घटिया बौद्धिक जुगाली से ऊपर उठिये।"<br /><br />"इसलिए स्त्री विमर्श के बहाने घटिया बौद्धिक जुगाली से ऊपर उठिये।"पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com