tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post5888396625902208223..comments2023-10-08T03:55:25.020-07:00Comments on आइये करें गपशप: ब्लागर्स कितने जिम्मेदार-२, एकपक्षीय लेखन बंद हो......prabhat gopalhttp://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-75293730719997426202009-02-28T02:59:00.000-08:002009-02-28T02:59:00.000-08:00`आपके लेख आज से दस साल बाद भी आराम और सहजता से पढ़...`आपके लेख आज से दस साल बाद भी आराम और सहजता से पढ़े जा सकेंगे।'<BR/>हां, पुस्तकें भी सदियों से लिखी पडी है पर पढ़ता कौन है। वही हालत ब्लाग की भी होगी। सभी ताज़ा ब्लाग और ताज़ा विचार ही पढ़ते रहेंगे। शायद पीछे मुड कर देखने का समय ही नहीं होगा!चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-22849359507472114002009-02-27T22:00:00.000-08:002009-02-27T22:00:00.000-08:00मेरे खयाल से जिम्मेदार लेखन का एक पक्षीय होने से त...मेरे खयाल से जिम्मेदार लेखन का एक पक्षीय होने से तो ताल्लुक नहीं है। ब्लॉग पर हम वही लिखते हैं जिसे सही मानते हैं। अगर पब में लड़कियों की पिटाई को मैं गलत मानता हूं तो यही लिख पाऊंगा। गर मैं मानता हूं कि दूसरा पक्ष गलत है तो उसका समर्थन कर ही नहीं सकता। और मुझे लगता है कि इससे मैं ज्यादा जिम्मेदार बनता हूं। ब्लॉग और न्यूज रिपोर्ट में यही फर्क है। यहां हम अपनी बात कहते हैं। बताते हैं कि किसे हम सही मानते हैं और किसे गलत। उस पक्ष को जाहिर करना, जिसे हम सही मानते हैं, कहना...और फिर उस पर दूसरों की सहमति या असहमति का पूरा सम्मान करना...शायद यही हमारी जिम्मेदारी है?<b>विवेक</b>https://www.blogger.com/profile/07114599563006543017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-2958260452027032732009-02-27T09:36:00.000-08:002009-02-27T09:36:00.000-08:00हमें बेहतर चिंतन के साथ जिम्मेदारी लेते हुए ब्लाग ...हमें बेहतर चिंतन के साथ जिम्मेदारी लेते हुए ब्लाग में लिखना होगा। क्योंकि छपे शब्द बोले हुए शब्दों से ज्यादा प्रभावित करते हैं। <BR/><BR/>Bilkul sahi..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-49103780997693634842009-02-27T08:11:00.000-08:002009-02-27T08:11:00.000-08:00प्रभात जी मेरी टिप्पणी को इतना विस्तार देने का शुक...प्रभात जी मेरी टिप्पणी को इतना विस्तार देने का शुक्रिया… लेकिन मेरे विचार में आक्रामक भाषा या उग्र तेवर को निगेटिव एनर्जी कहना भी उचित नहीं है… क्या यह भाषा गालीगलौज वाली है? यदि नहीं तो फ़िर किसी को आपत्ति क्यों होना चाहिये? मेरा कहना यही था कि आज की तारीख में अखबारों, टीवी आदि मीडिया पर एक "खास" विचारधारा के लोगों का कब्जा हो चुका है, वे एक विशिष्ट मिशन को सामने रखकर या फ़िर "बाजार और पैसा" को दिमाग में रखकर खबरें बेचते-परोसते-बनाते-बिगाड़ते हैं… ऐसे में ब्लॉग लेखन ही एकमात्र जरिया है जिसके द्वारा कोई अपनी बात मुक्त विश्व में पहुँचा सकता है… जाहिर है कि हरेक व्यक्ति की अपनी-अपनी विचारधारा होती है और वह उसी के अनुरूप ही लिखता है… जिस प्रकार कोई भी अखबार निष्पक्ष नहीं है उसी प्रकार कोई ब्लॉगर कैसे निष्पक्ष रह सकता है? रहना चाहि्ये भी नहीं… आखिर तो यह विचारधाराओं की जंग है… इसीलिये ब्लॉग जगत/तकनीक से मुझे तो काफ़ी उम्मीदें हैं… <BR/>और हिन्दुत्व, हिन्दू हित, भारतीयता, भारतीय संस्कृति की बात करना, पाकिस्तान को गरियाना आदि "गैर-जिम्मेदारी भरा काम" कैसे हो गया, समझ में नहीं आया… जो ब्लॉगर सेकुलरिज़्म के पक्ष में लिख रहा है वह भी तो अपनी निगाह में जिम्मेदारी भरा काम ही कर रहा है ना… कम से कम ब्लॉग जगत में किसी की चमचागिरी तो नहीं करना पड़ती… और फ़िर यदि सभी ब्लॉगर कविता-गीत-चुटकुले-पहेली-संस्मरण आदि जैसे "पॉजिटिव एनर्जी" वाले ब्लॉग ही लिखते रहे तो कहीं ऐसा न हो कि मॉनीटर से पॉजिटिव एनर्जी टपककर बह निकले, सो उसे "बैलेन्स" करने के लिये एकाध निगेटिव एनर्जी ही सही…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-86144377522133113102009-02-27T06:06:00.000-08:002009-02-27T06:06:00.000-08:00ब्लाग का क्षेत्र काफी बड़ा है अगर कहा जाय तो असीम ह...ब्लाग का क्षेत्र काफी बड़ा है अगर कहा जाय तो असीम है और जो चीज असीम है तो उसमें हर प्रकार के रंग देखने को मिलते हैं। आप नेगेटिव इनर्जी की बात करते हैं परंतु पाजीटीव इनर्जी भी बहुत बड़ी मात्रा में ब्लाग पर है। ब्लाग को आप दुनिया की तरह मान सकते हैं जहां हर प्रकार के लोग रहते हैं अच्छे भी बुरे भी‚ सुन्दर भी कुरुप भी‚ सच्चे भी झूठे भी। अब ये हमारे ऊपर है कि हम किस चीज से ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसको बांधने की कोशिश बेकार है।अक्षत विचारhttps://www.blogger.com/profile/16381420919782121467noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-40067676035778607092009-02-27T05:18:00.000-08:002009-02-27T05:18:00.000-08:00महत्वपूर्ण बात है लिखना ....देखिये ये कैसा माध्यम ...महत्वपूर्ण बात है लिखना ....देखिये ये कैसा माध्यम है की मै मेरठ में बैठकर ऑस्ट्रेलिया के किसी इंसान से जुड़ जाता हूँ ओर दूर असम में भी....बंगलौर के किसी का लिखा मुझे इतना बैचैन कर देता है की मुझे लगता है मुझे उससे बात करनी चाहिए ...यही कमल है इस सूचना क्रान्ति का ......रात के दो बजे आप किसी बात पर बैचैन हुए ओर आपने लिख दिया....बहस ओर असाहमतिया होनी लाजिमी है .सामान्य समाज में भी किसी बिंदु पर सब कहाँ सहमत होते है ,ब्लॉग भी इस समाज का आइना ही है....यहाँ बुदिजीवी है ऐसा मत मानिए .डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-91336220356369643642009-02-27T04:20:00.000-08:002009-02-27T04:20:00.000-08:00लेखनी कभी भी एकपक्षीय नहीं होनी चाहिए.....आपसे पूर...लेखनी कभी भी एकपक्षीय नहीं होनी चाहिए.....<BR/>आपसे पूर्णतः सहमती है.....Akhilesh k Singhhttps://www.blogger.com/profile/10891053846795296668noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-67004106167201628662009-02-27T02:00:00.000-08:002009-02-27T02:00:00.000-08:00ccRathorehttps://www.blogger.com/profile/03828854375828535160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-58585421493977752372009-02-27T01:34:00.000-08:002009-02-27T01:34:00.000-08:00विवाद पैदा करने और ध्यान आकर्षित करना तो चलता ही र...विवाद पैदा करने और ध्यान आकर्षित करना तो चलता ही रहेगा। पर विवादों से दूर रहकर भी लेखन से अपनी पहचान बनाई जा सकती है। <BR/><BR/>विवाद क्षणिक लोकप्रियता दिलाते हैं पर वो लोकप्रियता सिर्फ ब्लॉगरों तक सीमित रहती है। असली पाठक वर्ग तो किसी विशिष्ट सामग्री की तालाश में आप की कुटिया पर पहुँचता है और वो तो ये जानता भी नहीं कि आप पहले से कितने विवादित या लोकप्रिय रहे हैं।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-7648550913564286212009-02-27T01:22:00.000-08:002009-02-27T01:22:00.000-08:00पूर्णतया सहमत.आपकी बात उचित है, लेकिन बहस जहां पर ...पूर्णतया सहमत.आपकी बात उचित है, लेकिन बहस जहां पर भी होती है, वहां खुद-ब-खुद कई बार कई चीजों को नकारना पड़ता है.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-39995096346030084962009-02-27T01:16:00.000-08:002009-02-27T01:16:00.000-08:00सहमति.सहमति.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-37568868709883814402009-02-27T00:54:00.000-08:002009-02-27T00:54:00.000-08:00आपकी बात से सहमति है। लिखना सबका अधिकार है। लेकिन ...आपकी बात से सहमति है। लिखना सबका अधिकार है। लेकिन यह तो सामने वाले पर ही निर्भर करता है कि वो कितनी जिम्मेदारी के साथ अपनी बात को कह-लिख रहा है।222222222222https://www.blogger.com/profile/03001125920425180811noreply@blogger.com