tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post620224339861001903..comments2023-10-08T03:55:25.020-07:00Comments on आइये करें गपशप: हिन्दी ब्लाग जगत या गोबर का ढेरprabhat gopalhttp://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-57282248399793520862008-12-28T07:39:00.000-08:002008-12-28T07:39:00.000-08:00भाई प्रभात गोपाल झा...उर्फ झीं...समझ गए होगे...क्य...भाई प्रभात गोपाल झा...उर्फ झीं...समझ गए होगे...क्या हाल है...गोबर पर लिखने लगे...रामगढ़, पतरातु, हजारीबाग, मुरी, गुमला की खबरें कम पड़ गईं क्या...जो गोबर की बात कर रहे हैं...वैसे अच्छा प्रहार किया है...ब्लॉग जगत पर..आज ही मैंने तुम्हारा ब्लॉग देखा...सो टिप्पणी लिख दिया...Shailendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/04950054026616426982noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-13265627535166736052008-12-28T05:38:00.000-08:002008-12-28T05:38:00.000-08:00तो आइये बायोगैस बनाऎं !तो आइये बायोगैस बनाऎं !Neelimahttps://www.blogger.com/profile/14606208778450390430noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-5882210434208803152008-12-28T02:04:00.000-08:002008-12-28T02:04:00.000-08:00भाई ब्लॉग जगत अथाह भण्डार है जो जिसकी मंसा हो वैसा...भाई ब्लॉग जगत अथाह भण्डार है जो जिसकी मंसा हो वैसा गोता लगाकर ले जाए. वैसे मै ज्ञान जी की टीप से काफी हद तक सहमत हूँ .महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-90413074948169703042008-12-28T00:51:00.000-08:002008-12-28T00:51:00.000-08:00ब्लॉगजगत में आप जो मांगे वह प्रचुर मिलेगा। विशेषत:...ब्लॉगजगत में आप जो मांगे वह प्रचुर मिलेगा। विशेषत: गोबर!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-85874542157582540732008-12-27T21:43:00.000-08:002008-12-27T21:43:00.000-08:00पवित्रम पवित्रमक्या पवित्र विचार हैं महक महक गया ...पवित्रम पवित्रम<BR/>क्या पवित्र विचार हैं <BR/>महक महक गया ब्लॉगजगतमसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-25412134518271334832008-12-27T21:40:00.000-08:002008-12-27T21:40:00.000-08:00सरिताजी के तर्क में दम है । देखिए न, आपने लिखा तो ...सरिताजी के तर्क में दम है । देखिए न, आपने लिखा तो सम्बन्धित पोस्ट पढी । आप यह सब नहीं लिखते तो, मुझ जैसे अनेक लोग वह सब नहीं पढते जिस पर आपको आपत्ति है ।<BR/>ब्लाग जगत को कोसिए मत । इसमें आप-हम सब जैसे सामान्य लोग ही हैं । कोई जरूरी नहीं कि जो आपको नापसन्द हो, उसे बाकी सब भी नापसन्द करें ।<BR/>वैसे भी दीप्ति ने अपराध नहीं कर दिया । उसने तो वही सब प्रस्तुत किया जो सड्कों पर और आपके-हमारे व्यवहार में प्याप्त है । <BR/>आपको 'वह सब' होने पर कोई आपत्ति नहीं है । आपत्ति है तो 'उस सबको' जग-जाहिर करने पर । <BR/>छड्ड यार । और भी गम है जमाने में मुहब्बत के सिवा ।विष्णु बैरागीhttps://www.blogger.com/profile/07004437238267266555noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-25083250696324975392008-12-27T20:11:00.000-08:002008-12-27T20:11:00.000-08:00समाज में कई बातें गलत हो रही हैं , उनकी ओर ध्यान द...समाज में कई बातें गलत हो रही हैं , उनकी ओर ध्यान देना ज़रुरी है । बेहूदा बातों में ऊर्जा और वक्त लगाकर कुछ अलग नहीं किया जा सकता । नागवार गुज़रने वाली चीज़ों को नज़र अंदाज़ कर के ही उनसे निजात पाई जा सकती है । खुले आम रस ले ले की गई बहस तो कहीं ना कहीं इन तत्वों को बढावा ही देंगी ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.com