tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post894067676112401104..comments2023-10-08T03:55:25.020-07:00Comments on आइये करें गपशप: छद्म आत्मविश्वास के सहारे कब तक जियेंगे पत्रकार?prabhat gopalhttp://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-338339873245456562009-05-07T23:06:00.000-07:002009-05-07T23:06:00.000-07:00पत्रकार अब खुद फ़ोरकास्ट नही कर पाता।सब कुछ संस्थान...पत्रकार अब खुद फ़ोरकास्ट नही कर पाता।सब कुछ संस्थान की पोलिसी पर डिपेंड करता है।वैसे सवाल बहुत ही सही है कि पत्रकार छ्द्म आत्मविश्वास के सहारे कब तक़ जी सकते है?बहुत सही।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-12859161772239996192009-05-07T20:57:00.000-07:002009-05-07T20:57:00.000-07:00सिटीजन जर्नलिज्म उत्तर है। पर हिन्दी में पर्याप्त ...सिटीजन जर्नलिज्म उत्तर है। पर हिन्दी में पर्याप्त नेट प्रसार की कमी के चलते यह हो नहीं रहा है। इस दिशा में पिछले दो वर्षों में तो खास प्रगति नहीं पाता मैं।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.com