tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post940934473297871380..comments2023-10-08T03:55:25.020-07:00Comments on आइये करें गपशप: नेता गलत नहीं, हमारा नजरिया गलत है?prabhat gopalhttp://www.blogger.com/profile/04696566469140492610noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-84936741638984432822009-03-18T10:16:00.000-07:002009-03-18T10:16:00.000-07:00अपने खोखले लेख में थोडा तो भूष भर देते . भाई भारत ...अपने खोखले लेख में थोडा तो भूष भर देते . <BR/>भाई भारत का हर आदमी आपके जैसा पढ़ा लिखा -खाता पीता ,अखबार पढता ,न्यूज़ देखता और ब्लॉग लिखता जंतु नहीं है. जरा जमीन पर उतर कर देखिये .<BR/>भारत के आबादी का एक बहुत बड़ा तबका अपनी रोज़ी रोटी की जुगाड़ में दिनभर शरीर तोड़ परिश्रम कर रात में थककर सो जाता है .इनमे से कईओं को देश के भीतर बाहर -आगे पीछे का ज्ञान नहीं होता ,इनमे से तो कई अनपढ़ होते हैं .अब बताइए ये नेताओं को जात -पात, धरम के नाम पर , डांस-गानों पर ,खैरात पाकर ,चेहरा देखकर , दारू पीकर ,बहकावे में आकर ही भोट देंगे ना ?इनको जागरूक करने का बीडा उठाइये आप तो पढ़े लिखे हैं ना!<BR/><BR/>१."मुझे नेताओं से बातचीत करना अच्छा लगता है। "क्योंकि वे लाखों आदमियों का विश्वास पाकर प्रतिनिधि बनते हैं। "<BR/>और ये करते हैं विश्वासघात !<BR/>२."गलत तब होता है, जब नेता अधिकार से सुसंपन्न होने के बाद दिशाहीन हो जाते हैं। और उनमें गलत-सही का बोध खत्म हो जाता है। "<BR/>क्या हम नेताओं के लिए योग्यता की बात करते हैं ?.इनसे ज्यादा शैक्षणिक योग्यता की आवशयकता तो चपरासी बनने के लिए पड़ती है.<BR/>देश चलाना इतना हल्का काम है की किसी ऐसे वैसे को सौंप दिया जाए ?क्या आप उस aeroplane में बैठना चाहेंगे जिसमे पायलट की सीट पर कोई भैस चराने वाला चरवाहा बैठा हो? <BR/>३."ये न कहें कि पांच साल तक उन्हें झेलना होगा। हम क्यों झेलेंगे, झेलेंगे, तो वे, जिन्हें हर माह या कहें हर दिन शासन की चुनौतियों से रूबरू होना पड़ेगा। "<BR/>६० साल झेल चुके ,अब एक सदी गवाना है क्या?क्या आप टूटे रोड,विस्फोटक जनसँख्या ,नारी असुरक्षा, ख़राब आतंरिक सुरक्षा ,रक्षा सौदों में घोटालों ,वोट बैंक बढ़ाने के लिए अवैध घुसपैठ को खुला आमंत्रण ,धार्मिक उन्माद के साथ अपने को सहज महसूस करते हैं क्या?<BR/>देश को आपने प्रयोगशाला समझ रखा है क्या की सबको बारी बारी try करते रहे ?<BR/>अब वहां के वोटर क्या करें जहाँ से सब के सब नालायक खड़े हों?क्या वोट देने जा रहे वोटरों के लिए none of these का विकल्प नहीं होना चाहिए?<BR/>४."सिस्टम की इज्जत करना खुद की इज्जत करना है। "<BR/>हम अनपढ़ ,भ्रष्ट,बाहुबली ,धर्म और जात के नाम पर सामाजिक विभेद पैदा करने वालों और आतंकवादी प्रत्याशियों को वोट देकर system की इज्जत करेंगे? क्या हम मातृभूमि की इज्जत लूटनेवालों को इज्जत देकर system की इज्जत करेंगे?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-83881272642831665062009-03-17T03:16:00.000-07:002009-03-17T03:16:00.000-07:00eatoo ke le kar aap ki bata samnjh nahi aaye,aap k...eatoo ke le kar aap ki bata samnjh nahi aaye,aap kehte hia woh hum mai se hi aate hai,aap mujhe finance karinye mai bhi neta ban kar dikha skat hu,money power hoo to sab neta ban sakte haiSajid Khanhttps://www.blogger.com/profile/17695747018168095374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-79204476116869790272009-03-16T10:55:00.000-07:002009-03-16T10:55:00.000-07:00क्या आपको नहीं लगता कि बिना धन और बल की शक्ति के ह...क्या आपको नहीं लगता कि बिना धन और बल की शक्ति के हमारे देश में के किसी को टिकट मिल पाता है? मैं मतदान में हमेशा भाग लेता हूँ पर बात हमेशा अँधों में काना राजा को चुनने की हो जाती है। इसलिए जो हमारे नेता हैं वो हमारी मजबूरी से इपजे नेता हैं ना कि सामाजिक कार्यकुशलता की वज़ह से उन्हें ये कुर्सी मिली है। खासकर झारखंड में तो ये बात और भी स्पष्ट है।<BR/><BR/>आपने पहले वाला टेमप्लेट क्यूँ बदला? वो कहीं ज्यादा आकर्षक था।Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-80995526404710554612009-03-16T00:54:00.000-07:002009-03-16T00:54:00.000-07:00सही है - काम तो इन्हीं नेताओं से चलाना है।सही है - काम तो इन्हीं नेताओं से चलाना है।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-49687726804049159972009-03-16T00:17:00.000-07:002009-03-16T00:17:00.000-07:00वाकई समस्या दिशाहीनता है, नेताओं की भी और वोटरों क...वाकई समस्या दिशाहीनता है, नेताओं की भी और वोटरों की भी.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-74021273195975313502009-03-15T23:06:00.000-07:002009-03-15T23:06:00.000-07:00जो जीत कर आते हैउन्हें नालायक बताते है..-लेकिन नाल...जो जीत कर आते है<BR/>उन्हें नालायक बताते है..<BR/><BR/><BR/>-लेकिन नालायक कहने वाले कभी खुद आगे नहीं आते हैं. यही विडंबना है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-18016975052848025812009-03-15T22:41:00.000-07:002009-03-15T22:41:00.000-07:00सहमत हूं ... आपसे नहीं ... सरिता जी से ... आखिर कि...सहमत हूं ... आपसे नहीं ... सरिता जी से ... आखिर किसे चुना जाए ... जनता के सामने बहुत बडा प्रश्न है ... और इसका उत्तर कहीं से भी दिखाई नहीं देता।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-25964035441750398962009-03-15T19:33:00.000-07:002009-03-15T19:33:00.000-07:00आपका हर तर्क व्यवहारिकता के तराज़ू पर खोखला मालूम द...आपका हर तर्क व्यवहारिकता के तराज़ू पर खोखला मालूम देता है । आज देश का कौन सा नेता है जो आम जनता का वास्तविक रहनुमा कहलाने का सच्चा हकदार है । चुनना हमारी मजबूरी है ,मर्ज़ी नहीं । दल कोई भी हो चेहरे घूमफ़िर कर वही रहते हुई । चुनाव के बाद तो इनसे मिलना भी दुश्वार है । ऎसे में सैद्धांतिक तौर पर बढ़िया दिखाई देने वाली बातें ज़मीनी रुप से थोथी हो जाती हैं ।sarita argareyhttps://www.blogger.com/profile/02602819243543324233noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5335821158875365184.post-58498870095744783082009-03-15T15:23:00.000-07:002009-03-15T15:23:00.000-07:00आपकी बात सही है, लाखों लोगो का विश्वास जीत कर आगे ...आपकी बात सही है, लाखों लोगो का विश्वास जीत कर आगे बढ़ने वाले गलत नहीं है। गल्ती वे करते है जो समय आने पर मतदान नहीं करते और पूरे सिस्टम को गाली देते रहते हैं। ऐेसे तथाकथित बुद्धिजीवियों के लिये "If you do not vote - do not whine" सही लगता है।नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.com