Friday, January 9, 2015

हर दिन नशे की माफिक होता है....


जाने-अनजाने जब अगल-बगल या पड़ोस के किसी बंदे से उसके दर्द के किस्से पूछें, तो आपको अपना दर्द कमतर नजर आयेगा. मुश्किलें तो आयेंगी और चली जायेंगी.. लेकिन खुद के बनाये संसार से इतर जब खिड़की के बाहर की दुनिया में झांकेंगे, तो छोटी दुनिया बड़ी और आपका संघर्ष छोटा नजर आयेगा. जिंदगी समंदर है, गोता लगाइये. हर दिन नशे की माफिक होता है, बस
उसे खुलकर पीने को जिगर चाहिए.

No comments:

Prabhat Gopal Jha's Facebook profile

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

अमर उजाला में लेख..

अमर उजाला में लेख..

हमारे ब्लाग का जिक्र रविश जी की ब्लाग वार्ता में

क्या बात है हुजूर!

Blog Archive