हाइ-वे पर जब भी चलता हूं, तो ट्रकों को दौड़ता देखता हूं। सामान्य सी बात है। लेकिन उसके साथ जीवन की गहराई में सोच उतरती चली जाती है। सड़क... एक कहानी कहती है.. जीवन की कहानी...। हमारा जीवन भी एक सड़क की तरह है। थोड़ा ऊंचा, थोड़ा नीचा। सड़क एक सिरा को दूसरे से जोड़ता है। सड़क जीवन की कड़ी मालूम होती है। एक संदेश देती लगती है। चलते रहने का। जिंदगी को जीने का। सच कहूं, तो हिम्मत और हौसला देती है सामने अंतहीन लक्ष्य की ओर बढ़ते जाने का। इसी सड़क पर कितनी जिंदगियां बनती और बिगड़ जाती हैं। ये सड़क हमारे जीवन की एक ऐसी पहेली, जिसे जानने के लिए हमें न जाने और कितने पहलू देखने और जानने होंगे। दूसरी ओर जब सड़कें ऊबड़-खाबड़ दिखती हैं, तो वे उसके साथ ही देश और समाज की उख़ड़ती सांसों से रूबरू भी कराती हैं। कितनी अनकही कहानियों को बिना कुछ कहे कह जाती हैं सड़कें।
Monday, February 2, 2009
सड़क... एक कहानी कहती है....
हाइ-वे पर जब भी चलता हूं, तो ट्रकों को दौड़ता देखता हूं। सामान्य सी बात है। लेकिन उसके साथ जीवन की गहराई में सोच उतरती चली जाती है। सड़क... एक कहानी कहती है.. जीवन की कहानी...। हमारा जीवन भी एक सड़क की तरह है। थोड़ा ऊंचा, थोड़ा नीचा। सड़क एक सिरा को दूसरे से जोड़ता है। सड़क जीवन की कड़ी मालूम होती है। एक संदेश देती लगती है। चलते रहने का। जिंदगी को जीने का। सच कहूं, तो हिम्मत और हौसला देती है सामने अंतहीन लक्ष्य की ओर बढ़ते जाने का। इसी सड़क पर कितनी जिंदगियां बनती और बिगड़ जाती हैं। ये सड़क हमारे जीवन की एक ऐसी पहेली, जिसे जानने के लिए हमें न जाने और कितने पहलू देखने और जानने होंगे। दूसरी ओर जब सड़कें ऊबड़-खाबड़ दिखती हैं, तो वे उसके साथ ही देश और समाज की उख़ड़ती सांसों से रूबरू भी कराती हैं। कितनी अनकही कहानियों को बिना कुछ कहे कह जाती हैं सड़कें।
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गांव की कहानी, मनोरंजन जी की जुबानी
अमर उजाला में लेख..


4 comments:
Chalte rahne ka sandesh bhi deti hain sadkein.
bilkul sahi kaha.....
सरजी, सड़क की दास्ताँ ही अलग होती है. क्या आपने कभी गाड़ी की पिछली सीट पर बैठकर सड़क को निहारा है? यदि नही तो कभी आजमाएगा. दौड़ती ----भागती जिन्दगी नज़र आयेगी आपको सड़क.
सच है जी, कितनों को मंजिल तक पंहुचाती सड़क वहीं की वहीं रहती है।
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