Saturday, December 26, 2009
कोई ये न कहे कि गुरुजी को मौका नहीं मिला।
शिबू सीएम पद पा जाएंगे, अच्छा है। हम भी चाहते हैं कि शिबू को एक बार पूरी तरह आजमा लिया जाए। जिससे कोई ये न कहे कि गुरुजी को मौका नहीं मिला। सच में कहें, तो गुरुजी झारखंड आंदोलन के समय से राज्य के लोगों के जेहन में इस कदर समाये हुए हैं कि चाह कर भी नहीं निकल सकते। झारखंड आंदोलन में शिबू का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। अगर उसमें शिबू सीएम बनने की ख्वाहिश रखते हैं, तो बुरा नहीं। सुबोधकांत शिबू को सीएम के योग्य नहीं बताते। तो किसे योग्य बताया जाये, इसे भी बता दें। क्या मधु कोड़ा को? जिनकी सरकार पर माकन साहब भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते रहे और समर्थन भी देते रहे। मामला क्या और कहां था, वे तो वही जानें। लेकिन शिबू के कंधे पर बंदूक रखकर निशाना साधने का खेल आखिर शिबू भी कब तक पचा पाते। इस बार उन्हें मौका मिल ही गया है और भाजपा का साथ भी। इसलिए वे सरकार बना कर ही चैन लेंगे, ऐसा लगता है। देखना ये है कि सरकार कैसी चलती है और कितने दिन रहती है।..
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गांव की कहानी, मनोरंजन जी की जुबानी
अमर उजाला में लेख..
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3 comments:
सबका अधिकार है. गुरू जी भी पा रहे हैं. किया क्या जाये. देश का दुर्भाग्य है कि योग्य लोगों को न तो टिकट मिलता है और न ही जनता चुनती है.
Sahi kahaa Aapne.
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क्या आपने लोहे को तैरते देखा है?
पुरुषों के श्रेष्ठता के 'जींस' से कैसे निपटे नारी?
गुरुजी को मौका मिलने के बाद छुड़ाना बड़ा मुश्किल कार्य होगा..
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