Saturday, February 13, 2010
शाहरुख, यू आर आलवेज वेलकम.. आल इज वेल, आल इज वेल
शाहरुख के खिलाफ जारी बयानबाजी में टेंशन होना निश्चित है। एक बेहतर इंसान के खिलाफ यूं बोलना कुछ ठीक नहीं लगता। इस देश में न जाने कितने शाहरुख होंगे, जिन्हें पूछनेवाला कोई नहीं होगा। आज अगर शाहरुख के पीछे दुनिया दीवानी है, तो इसलिए कि वे सक्सेसफुल हैं। एक मोहरे के रूप में उनका इस्तेमाल करना चाहते हैं लोग, लेकिन शाहरुख तेज हैं, उनके पीआर मैनेजर मौकों का फायदा उठाना जानते हैं। अपनी जिंदगी में कई मुसलमान दोस्त बने हैं। उनसे रिश्ता क्या धर्म के कारण तोड़ दिया जाए या फिर उसे कायम रखा जाए, ये सवाल रह-रह कर उठता है। यही सवाल उनके दिल में भी उठता है। ऐसा संशय, असमंजस क्यों है? बड़ा ही दर्दनाक है इसका अहसास। देशभक्ति के नाम पर, नस्ल के नाम पर और मिट्टी के नाम पर जो घृणा के बीज बोए जा रहे हैं, वे कसाब जैसे लोगों की उपज को बढ़ावा दे रहे हैं। जो ये खुद नहीं जानते हैं कि खुदा या ईश्वर किसी की जान लेने की बात नहीं करता। उसके लिए सारे लोग समान हैं। धर्म के नाम पर बना पाकिस्तान खुद कितने हिस्सों में बंट चुका है, उसे नहीं मालूम। हम अपने देश में ऐसी कवायद को जड़ से क्यों न काट दें। ठाकरे की मनमानी का उत्तर देश के लोगों ने माइ नेम इज खान का स्वागत करके दिया। हमारा दिल शाहरुख को कभी दूसरा नहीं मानता। न ही सिर्फ धर्म के नाम पर हिकारत की नजर से देखने की बात मानता है। हम तो हमेशा कहेंगे, शाहरुख, यू आर आलवेज वेलकम.. आल इज वेल, आल इज वेल
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2 comments:
शाहरुख, यू आर आलवेज वेलकम.. आल इज वेल
-हमारी आवाज आपके साथ है.
पुणे में दस मारे गये, फिर मोमबत्तियां जलाओ, स्यापा करो. लगता है अब शाहरुख "माइ नेम इज विक्टिम आफ पुणे बम ब्लास्ट बनायेंगे."
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