रामनवमी में राम जन्मोत्सव को लेकर एक अलग तरह का उत्साह रहता है। वैसे में हनुमान भक्तों का उमंग कुछ अलग रहता है। मुझे हनुमान हमेशा से ऊर्जा से भरपूर और मार्ग दिखानेवाले देवता नजर आये। जब भी भय लगा, तो हनुमान चालीसा का पाठकर खुद को उससे मुक्त कर लिया। राम एक आदर्श स्वरूप हैं, जिनके लिए मन को तैयार करना पड़ता है। लेकिन हनुमान जी के लिए सहज लगता है। लगता है, जैसे वे कहीं अगल-बगल खड़े हैं। रामजी के सर्वोच्च ध्यान शिखर पर पहुंचने के लिए हनुमानजी के मार्फत ही जाने का प्रयास होता है। हनुमान जी ने हमेशा ये ाद दिलाया है कि हमारे-आपके भीतर एक रूप है, जो अपना आकार जब चाहे बढ़ा सकता है, सिर्फ उसे पहचानने की जरूरत है। असीम शक्ति हमारे भीतर है, जो हनुमान जी के ध्यान से खुद ही जागृत हो उठती है। हनुमान जी के आशीर्वाद को पाने के लिए मन-कर्म और वचन तीनों को एक साथ लेकर सच्चे मन से लेकर चलना पड़ेगा, तभी उनका साथ मिलेगा। ज्यादा बातें नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूं कि हनुमानजी को याद करना एक जादुई अहसास होता है, जहां पर मन ठहराव मांगता है। स्थिर होना चाहता है। राम को उनके मार्फत समझने की कोशिश हमेशा जारी रहती है। वैसे भगवन से ज्यादा भक्त का महत्व होता है। हनुमान हमारा मार्ग प्रशस्त करें।
जय श्रीराम
Wednesday, March 24, 2010
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2 comments:
राम भक्ति का मार्ग हनुमान भक्ति से होकर ही जाता है. जय हनुमान...जय श्री राम.
रामनवमीं की मंगलकामनाएँ.
इस परम्परा को हमारे अफसर बहुत अच्छे ढ़ंग से निभाते थे, हालांकि जब से उनके भक्त चालाक हो गये अब सीधे ही डीलिंग कर लेते हैं.
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