काफी दिनों बाद या यूं कहें एकदम से नए रूप में पहली बार जर्नलिज्म पर एक किताब पढ़ी. वह भी एक सबएडिटर के रूप में कार्यरत पत्रकार की जिंदगी के ऊपर. नाम है Stilettes in the Newsroom. रश्मि कुमार के द्वारा लिखी गयी किताब है. इस पुस्तक में डेस्क पर काम करने के दौरान उत्पन्न जद्दोजहद या दबाव का बखूबी जिक्र किया गया है. ज्यादातर जर्नलिज्म में किताबें आती भी हैं, तो बड़ी-बड़ी बातों को लेकर. उसमें पत्रकार के नजरिये से उसकी जिंदगी के किस्से कम बयां किए जाते हैं. हर प्रोफेशन का अपना ग्लैमर है. उस ग्लैमर को या उस प्रोफेशन के संकट को कैसे परोसा जाए, ये बहुत बड़ी चीज है.
पत्रकारिता के दो भागों में रिपोर्टिंग और डेस्क के ऊपर लिखी गयी किताबों में डेस्क की हमेशा उपेक्षा की गयी है. लेकिन इस किताब में डेस्क पर काम के अंदाज को एक महिला पत्रकार के नजरिये से पेश किया गया है. साथ ही अन्य कई रोचक वर्णन हैं. महिला पत्रकारों की असुरक्षा को भी खासे अंदाज में बयां किया गया है. साथ ही एक रिपोर्टर की जिंदगी के हर पक्ष से रूबरू होने की प्रक्रिया को भी दर्शाया गया है. पुस्तक रूपा एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित है. मूल्य ९५ रुपए.
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1 comment:
पढ़ने योग्य लग रही है पुस्तक।
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