टीवी पर मीटिंग के दौरान एक लाइन पर नजर पड़ी पंडित भीमसेन जोशी नहीं रहे. सहसा अचेत मन में चेतना का संचार हो गया. क्या भीम सेन जोशी नहीं रहे. हममें से कम ही लोग जो उन्हें नहीं जानते थे. उनकी आवाज का जादु हर किसी पर छाया था. लेकिन इन सबके बीच इसका भी अहसास हुआ कि मौत के सच को कोई नहीं बदल सकता है.
हमारे पड़ोस में भी एक व्यक्ति की मृत्यु हुई. उस खबर के बाद पंडित जी की मौत की खबर ने मन को थोड़ा सा दार्शनिक बना डाला.
हमारी जिंदगी के तार एक झटके में टूट जाते हैं और हम कुछ नहीं कर पाते. टूटने, जुड़ने और बनने का सिलसिला अनवरत चलता रहता है. सीधे कहें, तो हम रहें या ना रहें, दुनियादारी का किस्सा चलता रहेगा. वैसे जाने-अनजाते मौत हमारी-आपकी औकात को बता कर चला जाता है.
हम आप क्या हैं, बस एक कठपुतली की तरह भूमिका अदा करनेवाले. याद आता है आनंद फिल्म का अंतिम दृश्य, जिसमें राजेश खन्ना के द्वारा कहे गए डायलाग रुला जाते हैं. इतना सब जानने के बाद भी कुछ पाने की जद्दोजहद में हम न जाने कितने ही गलत काम भी करते चले जाते हैं. हमारे समाज में न जाने कितने बेसहारा हैं, जो हमारे गलत ख्यालात या नजरिये की वजह से खराब जिंदगी जी रहे हैं. जरूरी है कि हम अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को सुंदर बनाएं. कुछ ऐसा कर जाएं कि अफसोस ना रहे. ऐसे में पंडित भीमसेन जोशी याद आते हैं. जो हमारी पीढ़ी को जरूर एक दिशा देकर गए.
हमारे पड़ोस में भी एक व्यक्ति की मृत्यु हुई. उस खबर के बाद पंडित जी की मौत की खबर ने मन को थोड़ा सा दार्शनिक बना डाला.
हमारी जिंदगी के तार एक झटके में टूट जाते हैं और हम कुछ नहीं कर पाते. टूटने, जुड़ने और बनने का सिलसिला अनवरत चलता रहता है. सीधे कहें, तो हम रहें या ना रहें, दुनियादारी का किस्सा चलता रहेगा. वैसे जाने-अनजाते मौत हमारी-आपकी औकात को बता कर चला जाता है.
हम आप क्या हैं, बस एक कठपुतली की तरह भूमिका अदा करनेवाले. याद आता है आनंद फिल्म का अंतिम दृश्य, जिसमें राजेश खन्ना के द्वारा कहे गए डायलाग रुला जाते हैं. इतना सब जानने के बाद भी कुछ पाने की जद्दोजहद में हम न जाने कितने ही गलत काम भी करते चले जाते हैं. हमारे समाज में न जाने कितने बेसहारा हैं, जो हमारे गलत ख्यालात या नजरिये की वजह से खराब जिंदगी जी रहे हैं. जरूरी है कि हम अपने जीवन के साथ दूसरों के जीवन को सुंदर बनाएं. कुछ ऐसा कर जाएं कि अफसोस ना रहे. ऐसे में पंडित भीमसेन जोशी याद आते हैं. जो हमारी पीढ़ी को जरूर एक दिशा देकर गए.
5 comments:
पंडित जी को सभी मैनपुरी वासीयों की ओर से हार्दिक श्रद्धांजलि !
संगीत का पुरोधा नहीं रहा। श्रद्धांजलि।
जीवन की रीत है..
श्रद्धान्जलि.... जोशी साहब को..
यकीनन।
भीमसेन जी को हार्दिक श्रद्धांजलि।
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