Wednesday, April 6, 2011

शेन वार्न के इंडियन कोच बनने की ख्वाहिश... यानी

शेन वार्न हमारी इंडियन टीम के कोच बनना चाहते हैं. शेन वार्न की बात निराली है. याद है कि राजस्थान रायल्स ने उनके नेतृत्व में आईपीएल का ताज जीता था. मुझे उनके सर्वश्रेष्ठ स्पीनर होने में कोई संदेह नहीं. ये भी संदेह नहीं कि वे एक खुले दिमाग के आदमी हैं. लेकिन गैरी क्रिस्टन ने जिस पोजिशन पर हमारी इंडियन टीम को पहुंचा दिया है, उसके बाद अब कोच की जगह लेने के लिए ऐसे आदमी की जरूरत है, जो कैरेक्टर से लेकर खेल तक दाग रहित रहे. शेन वार्न की पारिवारिक जिंदगी से लेकर लिज हर्ले तक से आशिक मिजाजी के किस्से उन्हें कुछ अलग श्रेणी में रखते हैं.हम भारतीय, आप मानिये या न मानिये, एक दूसरे
मिजाज के हैं.हमें अपने से ऊपर का व्यक्ति ऐसा चाहिए, जो हमें हर स्तर पर सही राह की ओर ले जाए. इसमें कैरेक्टर भी एक चीज है. किसी के कैरेक्टर पर हम उंगली नहीं उठा सकते. लेकिन स्थायित्व के मामले में ये पहली चीज है.वैसे शेन वार्न इस मामले में हमेशा मीडिया में चर्चित रहते हैं. गैरी क्रिस्टन ने अपने खिलाड़ियों के बीच कैसी इज्जत कमाई है, उसे वर्ल्ड कप फाइनल के दिन बखूबी देखा गया. उनके प्लेयर्स ने जैसा सम्मान दिया, वह आनेवाले कई दशकों तक याद किया जाता रहेगा.हम लोग भी टीवी पर उन लम्हों को हर समय जेहन में जिंदा रखेंगे. वैसे में क्रिस्टन की जगह लेने के लिए उतावले शेन वार्न की जगह हमें किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में जरूर सोचना होगा, जो इस परंपरा को और आगे बढ़ाए.
आप मानिये या न मानिये, क्रिकेट आज इंडियंस की नस-नस में समा चुका है. भले ही गांव को कोई बंदा बल्ला नहीं पकड़ता हो, लेकिन वह आपसे सारी टेक्निक्स पर बहस कर सकता है. जिस तरह का उन्माद जीत के बाद देखा गया, उसके बाद से तो इंडियन क्रिकेट मैनेजमेंट भी कोई भी डिसीजन लेने से पहले हर पहलू को सोचेगा.वैसे भी इंडियन क्रिकेट सौरभ गांगुली और ग्रेग चैपल के उथल-पुथल भले दौर से किसी प्रकार बाहर निकल कर आयी है. अब माही की कप्तानी में जिस आदर्श स्थिति में इंडियन टीम है, वैसे में शेन वार्न सरीखे व्यक्ति का कोच बनने की चाहत रखना पके आम को पाने की ख्वाहिश करना है. लेकिन उस आम को पकने तक जिन लोगों ने मेहनत की है, उन्हें कोच तो ठंडे दिमाग से ही चुनना होगा.

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

भारतीयता में खप पायेंगी उनकी अभिरुचियाँ?

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