
सुबह उठा, तो अखबार के साथ दिनांक पर नजर पड़ी। पाया साल बीतने को है। थोड़ी खीज, थोड़ी खुशी और थोड़ी हिचकिचाहट लिये एकबारगी पूरे साल का घटनाक्रम फिल्म के ट्रेलर की तरह घूम गया। फिर ख्याल आया कि अब इस ब्लागिया जगत में अगले साल का गब्बर सिंह कौन होगा? गब्बर सिंह के चेलों में सांभा कौन और शोले के ठाकुर साहब (संजीव कुमार) कौन होंगे ( ब्लाग जगत में)? काफी मंथन के बाद भी कोई नाम नहीं सुझा। क्योंकि भैया इस शब्दों के जंग के मैदान में ऐसे-ऐसे महारथी हैं कि क्लाइमेक्स के इंतजार में पूरा साल बीत गया।
सोचा था कि हिन्दी ब्लागिया जगत में कुछ वीरप्पन टाइप के एकछत्र राज करनेवाले लोग नजर आयेंगे, लेकिन ये क्या, यहां तो इंडियन पालिटिक्स के लालूजी, रामविलास जी, मनमोहन जी, अंतुले साहब और आडवाणी जी जैसे न जाने कितने कद्दावर लोग मौजूद है। हिम्मत है, कोई कुछ कह दे। उसमें हम जैसे उछल-उछल कर शोर मचानेवाले छोटे मगर मिरची डालनेवाले ब्लागिया भी हुंकार भरते नजर आ जाते हैं।
मानिये या न मानिये, हम हूं खुद को किसी से कम नहीं मानते हैं। इस साल तो हमने इस ब्लागिया संसार को ज्यादा परेशान नहीं किया, लेकिन एक संकल्प जरूर है कि अगले साल की-बोडॆ टिपिया-टिपिया कर अपना ब्लाग को टॉप पर पहुंचा देना है। बुरा मत मानियेगा, इतना कहने का तो व्यक्तिगत अधिकार है ही। हां, तो मैं कह रहा था कि ब्लागिया संसार का गब्बर सिंह के है? एक बात तो तय है कि यहां बडे़ माइंडवाले इतने लोग हैं कि उनके पेंच को समझने में ही पूरा दिन बीत जाता है। भाषा सहज नहीं होती। कान्सेप्ट भारी भरकम होता है और समझाने का लेवल पीएचडी वाला। जबकि हम लोग इंटर लेवल का आदमी उसी भाषा को समझते हैं, जो एक आम आदमी समझने की काबिलियत रखता है। देखना ये है कि अंगरेजी की तरह हिन्दी को सवॆमान्य भाषा बनाने की ओर पहल अगले साल कैसी रहती है।
वैसे गरियाने वाली बात जहां तक है, तो उसका भी अपना मजा है। ब्लागिया जगत के मिले-जुले संसार में गब्बर सिंह को खोजना मुश्किल नजर आ रहा है। आपको कोई नजर आया क्या? अगर आया तो नाम न बताइयेगा, क्योंकि उसकी वाइफ उस ब्लागिया से कहेगी, इससे दूर ही रहियो, नहीं तो ये घर पे चाय पीने आ जायेगा नये साल में। फालतू में दो रुपये का लॉस। चलिये अभी से सारे ब्लागरों, टिपियानेवालों, आनेवालों और देखनेवालों को नया साल की बधाई।
4 comments:
आपको भी नववर्ष की शुभकामनायें… हम तो गब्बर बनने की लाइन में खड़े नहीं हैं… सो हमारे नाम पर विचार न किया जाये… :) :) :)
कोई फायदा नही ,चाय पीने वाले लोग बेशर्म लोग है उन्हें आपकी बातो से असर नही होगा
अगले साल की-बोडॆ टिपिया-टिपिया कर अपना ब्लाग को टॉप पर पहुंचा देना है।
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बहुत ही नेक विचार हैं। बस स्ट्रेटेजी बनाइये और लग जाइये काम पर।
aap ko bahut saari bhadaaiyaan nav warsh ki....
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