आइये, आइये एक घंटे में दो करोड़ कमाइये, दस सवालों के सही जवाब दें और हर जवाब पर २० लाख कमायें।
आप दौड़ते हैं, छटपटाते हैं, कसमसाहट भरी बेचैनी लेकर भटकते हैं, ईश्वर, कोई तुक्का भिड़ा दो, कोई मौका दिला दो..। एक फंतासी की गुदगुदाहटवाली दुनिया बनती है। कल्पना का संसार बुनता जाता है। महानायक या शहंशाह आपसे आपकी तारीफ करते हुए चंद सवाल करते हैं। जवाब देनेवाले शख्स में मध्यवरगीय व्यक्ति अपना चेहरा देखता है। देखता है, खुद के ख्वाब को पूरा कर सकने के मौके को। बिना परिश्रम या प्रयास के उस अथाह संपत्ति का मालिक बन जाने के सपने देखता है, जो २० सवालों का जवाब देकर पाया जा सकता है। यानी एक जुआ। जहां किसी धीरज, विवेक या परिश्रम की जरूरत नहीं होती। हां ग्यान की जरूरत जरूर होती है। जिस पर आम आदमी को भरोसा रहता है। और इसी नाजुक चीज को बाजार के चतुर खिलाड़ी भुनाने में लगे हैं। बाजार के खिलाड़ियों ने आम आदमी की इस कमजोर नस को धर लिया। वे फिर कमजोर नस दबाते हैं और ख्वाब बुनते आदमी को दिखाते हैं दस का दम। हर रोज रटाते हैं बन जाओ करोड़पति का जुमला।
फिर अंत में फिल्म निमाॆता भी कमजोर नस को जान एक युवक की अनकही कहानी पर फिल्म बनाते हैं स्लमडाग मिलिनेयर। आम युवा, जो कि फंतासी की दुनिया में जीता है, उसे सवालों का जवाब देकर करोड़पति बननेवाले युवा की कहानी गजब की दिखती है। और वह उस युवक की जिंदगी के हर किस्से को सुनना चाहता है। पूरी दुनिया में हर व्यक्ति की शायद यही कहानी है। वह फिल्म के साथ जीता है, गाता है। साथ ही उसमें पिरोया जाता है रहमान की नशीली धुनों का जादू। जो गजब का ढा रही है हर किसी के मन पर। बाजार के चालाक खिलाड़ियों ने आम व्यक्ति की नस को जान लिया है और वे उसके दिल-दिमाग को अपनी धुन पर नचाने में सफल रहे हैं। साथ ही चढ़ रहे हैं फंतासी की दुनिया के सहारे सफलता की सीढ़ियां। देखते हैं कि फंतासी की ये दुनिया हमें कहां और कितने रूपों में गुल खिलाती दिखती है। वैसे है ये मजेदार।
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3 comments:
PHILHAL AISI SOCH KO SHAYD SABHI JI RAHE HAI.....
इसी मानसिकता पर खुशवंत सिंह ने टिप्पणी की थी कि एक तरफ तो हमलोग पैसे के पीछे भागने कि प्रवृत्ति कि आलोचना करते हुए आध्यात्मिकता की दुहाई देते हैं और दूसरी ओर 'कौन बनेगा करोड़पति' देखते हैं. कोई शक नहीं कि इसी कहानी को बौलीवूड के तडके के साथ रीमिक्स कर फ़िर से आम दर्शकों के लिए पेश कर दिया जाए.
इस फिल्म के बारे में तो कई जगह पढ़ लिया। पता नहीं कभी देख पायेंगे।
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