Saturday, January 10, 2009

राहुल गांधी का विरोध क्यों?


राहुल गांधी हम लोगों की उम्र के हैं। हम भी पद और प्रतिष्ठा पाने की इच्छा रखते होंगे। इसके साथ ही वे लोग भी जो कि इस पोस्ट को पढ़ रहे होंगे। लेकिन राहुल का सबसे बड़ा दुरभाग्य या सौभाग्य उनका गांधी परिवार से जुड़ा होना रहा है। यह सही है कि राहुल गांधी को पारिवारिक पृष्ठभूमि के कारण एक ऐसा प्लेटफामॆ मिला है, जो सबको नहीं मिलता। लेकिन उनके साथ एक ऐसा युवा राजनीतिक वगॆ भी जुड़ता चला गया है, जो कि देश की राजनीति में गहरी पैठ रखता है। बात अगर शिक्षा की करें, तो वे एक शिक्षित युवा हैं और उन्होंने देश को जानने का प्रयास किया है। शिक्षा सिफॆ किताबों से नहीं मिलती, बल्कि जिंदगी में व्यावहारिक जानकारी की भी उतनी ही जरूरत होती है, जो उनमें है। वे एक जानकार और देश की राजनीतिक परिस्थितियों को समझनेवाले युवा हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वैसे किसी ऐसे कच्चे खिलाड़ी का नाम लेकर नहीं बोलेंगे, जिनसे उनका वजन कम हो। युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ को बेहतर नेतृत्व प्रदान कर राहुल गांधी ने दिखा दिया है कि उनमें एक काबिलियत है। वे एक मुखर वक्ता हैं। जहां तक रह-रह कर हो रहे विरोधों की बात है, तो मैं ये बार-बार कहूंगा कि ये विरोध पूवाॆग्रह से ग्रसित होकर किये जा रहे हैं। नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस देश को क्या नहीं दिया। आज के बड़े उद्योग नेहरू की देन है। इंदिरा ने एक मजबूत नेता के रूप में पूरे विश्व में भारत को सम्मान दिलाया और राजीव ने उदारीकरण के पूवॆ टेलीकम्युनिकेशन और मोटर उद्योग की नींव डालकर क्रांति की शुरुआत की। इस देश में एक कमजोरी है कि ये अपनी मजबूती को नहीं पहचान पाता है। अमेरिका में ओबामा रंग, जाति से अलग पसंद किये जाते हैं। उन्हें राष्ट्रपति बनाया जाता है। लेकिन यहां सिफॆ पारिवारिक पृष्ठभूमि का बहाना बनाकर विरोध का मंच तैयार किया जात है। राहुल का विरोध क्यों हो? सिफॆ इसलिए कि वे गांधी परिवार से जुड़े हैं। राहुल के व्यवहार में एक खास तरह की विनम्रता का आभास हमेशा होता है। उन्होंने कभी भी ऐसे उदाहरण पेश नहीं किये, जहां से अभिमान की झलक मिलती हो। एक खास तरह की सादगी का एहसास होता है। प्रधानमंत्री बनने के लिए और क्या चाहिए? हमें एक ऐसा नेता चाहिए, जो साफ छविवाला हो और हमारे मन में बसा हो। आप मानिये या न मानिये, आपके मन में भी राहुल गांधी की स्वच्छ छवि जरूर होगी। वैसे भी राहुल ने पिछले साल अपनी सशक्त राजनीतिक भागीदारी से बड़े-बड़े राजनीतिक दिग्गजों के चेहरे पर शिकन के भाव जरूर ला दिये हैं। राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस एक मजबूत दल के रूप में उभरेगी, जो इस देश को अगले ३० सालों तक सबल नेतृत्व प्रदान कर सकती है। वैसे भी कांग्रेस को हाल ही जीत मिली है, तो इसके पीछे उसकी बेहतर नीतियां ही हैं। भाजपा का प्रभाव लोगों के जेहन से धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। इसे मानना होगा। इस देश को विकास चाहिए और वह सिफॆ स्थिरता से ही मिल सकता है। ये और कोई नहीं, बल्कि राहुल गांधी के नेतृत्व में ही आनेवाले दिनों में मिल सकता है।

1 comment:

Gyan Dutt Pandey said...

बड़े मनमोहन व्यक्तित्व हैं राहुल गांधी।

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