रात में आ रहा था कि दूर पहाड़ों पर चमकती रौशनी दिखाई पड़ी। उसमें कुछ खास था। पास गया, तो अजीब से जीव इधर-उधर टहल रहे थे। हमें तो वे बाहरी दुनिया के लोग लगे। लेकिन ये क्या, वे तो हिन्दी बोल रहे थे।
उनमें से एक पास आया,
बोला- तुम कहां से आया है?
हम बोले- हम तो झारखंड, इंडिया से आये हैं?, आपकी तारीफ।
अगला बोला-हम उड़नतश्तरी से उड़कर आया है? उड़नतश्तरी का नाम सुना है?
हम बोले-हां, नाम तो सुने हैं लेकिन उ तो ब्लाग पर हैं। वहीं देखते थे उड़नतश्तरी लिखा नाम। हम तो उसी उड़नतश्तरी को जानते हैं।
अगला बोला-ब्लाग क्या होता है?
हम बोले-ब्लाग भी एक दुनिया होता है। एक अलग दुनिया। जहां उड़नतश्तरी हैं। ताऊ हैं। पंडित जी है। यहां तक कि ज्योतिषाचार्य भी। हम लगे पूरी गणित बताने।
अगला बोला-हमारा उड़नतश्तरी के सामने तुम्हारा उड़नतश्तरी क्या चीज है?
हम बोले-हमारा उड़नतश्तरी, आपके उड़नतश्तरी से अलग है।
अगला बोला-वो कैसे, वो क्या बोलता है?
हम बोले-बोलता तो है ही, उड़ता भी रहता है, इस ब्लाग से उस ब्लाग
अगला बोला-फिर ब्लाग, ब्लाग करने लगा, ये ब्लाग किया है।
हम बोले-इसके लिए आपको हमारे उड़नतश्तरी से मिलना होगा।
अगला बोला-उसका पता दो।
हम बोले-कनाडा जाइये।
अगला बोला-चलो कनाडा में तुम्हारा उड़नतश्तरी को खोजते हैं। हमारे जैसा हुआ, तो तुमको छोड़ देंगे। नहीं हुआ, तो साथ ले जायेंगे।
उड़नतश्तरी उड़ चली। शायद कनाडा में खोज रही होगी हमारी उड़नतश्तरी को। लेकिन वो मिलेंगे तब न।
हम चुपचाप उस दूर ग्रह से आये उड़नतश्तरी को उड़वा कर भाग आये अपने घर।
अब आगे से नहीं मिलूंगा उस उड़नेवाली असली उड़नतश्तरी से
Friday, February 20, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
7 comments:
बिल्कुल ठीक कहा आपने उड़ने वाली उड़न तश्तरी से मिलना भी नहीं चाहिये।
हमने तो आप वाले उडनतश्तरी को देखा नहीं. लेकिन इत्मीनान रखिए, ऊ आपको छोड ही देगा.
अरे कभी मिलिए भी उड़नतश्तरी से....और मिलने के बाद यह मत कहिए कि-
अब आगे से नहीं मिलूंगा उस उड़नेवाली असली उड़नतश्तरी से
अब मिल ही लो भाई एक बार..असल नकल का टंटा मिटे. :)
ये प्याली-तश्तरी की बात छोडो, हो जाय कुछ चाय-शाय:)
udantashtari aaye hamara blog dhanya ho gaya
jay ho jay ho
अरे भाई उस उड़न तस्तरी से यह भी पूछ लेते कि तुम्हारे पास भी हमारी उड़न तस्तरी की तरह टिप्पणियाँ है क्या ? यदि नही तो यहाँ क्या कर रही है जाए अपने ग्रह में ! यह ब्लॉग जगत है यहाँ हमारी उड़न तस्तरी ही उडेगी |
Post a Comment