Monday, August 17, 2009

आप लोग ब्लाग जगत की वाट क्यों लगा रहे हैं?

कई टिप्पणियों के बीच कुछ खास लोग हमेशा मौजूद रहते हैं। उनमें से एक महिला टिप्पणीकार को लेकर विवादों को तूल दिया जा रहा है।

पूरे अध्ययन और समीक्षा के बाद प्रवीण जाखड़ जी द्वारा मोर्चा खोलने की बात
सिवाय पोपुलेरिटी बटोरने के और कुछ नहीं लगता।

नये ब्लागरों के लिए उत्साह बढ़ाने के लिए पहली बार की गयी टिप्पणियों को आगे आनेवाली पोस्टों में मिलनेवाली टिप्पणियों से तुलना नहीं कर सकते हैं।

ब्लाग जगत में ये भ्रम की स्थिति है कि कोई किसी को पत्रकारिता का पाठ पढ़ा रहा होता है या कोई वरिष्ठ होने का अहसास दिला रहा होता है

ब्लाग होता ही है अलग लिखने को। जो आप कहीं न लिख पायें, उसे चिंताओं से मुक्त होकर लिखें।

दूसरी बात कमेंट्स मॉडरेशन की सुविधा ब्लाग पर होती है।

यदि प्रवीण जी को इतनी ही तकलीफ है, तो वे क्यों नहीं खुद और दूसरे व्यक्तियों को इसके लिए प्रेरित करते हैं। इससे स्वतः अनावश्यक टिप्पणियां करनेवालों की वाट लग जायेगी।

दूसरी बात किसी का नाम लेकर, वह भी एक सम्मानित महिला ब्लागर का, प्रवीण जाखड़ जी ने कदापि उचित नहीं किया है। उचित होता कि वह व्यक्तिगत तौर पर मेल द्वारा उनसे आपत्ति दर्ज कराते़। सार्वजनिक मंच का इस तरह खुलेआम दुरुपयोग सिर्फ एक बात की ओर इशारा करता है कि प्रवीण जी अपनी रेटिंग हाइ करना चाह रहे हैं।
यहां तक तो ठीक है, अब प्रवीण जी के ब्लाग को वाट लगाने के लिए ही एक पोस्ट लिख डाली गयी।


क्या इस ब्लागिंग के क्षेत्र सिर्फ इन्हीं बदतमीजी से भरी कार्रवाइयों के लिए समय जाया किया जाये? उचित होगा कि इस मंच का उपयोग सही पैमाने पर किया जाये।

8 comments:

Anonymous said...

पोस्ट की भावना से सहमत

डा. अमर कुमार said...


कुल मिला कर निष्कर्ष यह कि
आपसे सहमत हुये बिना नहीं रहा जा सकता !

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

आपसे बिल्कुल सहमत हैं.

Gyan Darpan said...

आपकी भावनाओं से सहमत

विवेक सिंह said...

गलती हो गई , माफ़ करें !

Anonymous said...

kitane paise mile is post ko likhane ke liye ?

बवाल said...

सवाल :- आप लोग ब्लाग जगत की वाट क्यों लगा रहे हैं ?
जवाब :- वैरी सिंपल, इसे वाट जगत बनाने के लिए।

सुरेश शर्मा . कार्टूनिस्ट said...

प्रभात जी, एक बंधू ने लिख मारा- कितने पैसे मिले इस पोस्ट को लिखने के लिए ?..अब इन महोदय का क्या करेंगे ? वैसे मैं निजी तौर पर आपसे सहमत हूँ !

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