Sunday, August 30, 2009

पप्पू पास हो गया, पप्पू पास हो गया

आज बेचारा पप्पू चुपचाप टुकुर-टुकुर ताक रहा था। उसे बड़ी डांट पड़ी थी। कभी लफड़ा लेता नहीं था। आज चौक पर जाकर कुछ लोगों से लफड़ा मोल ले लिया। सुना था कि वे लोग पहुंचवाले हैं। पप्पू को उन लोगों ने कहा कि इस कॉलोनी में रहना है, तो हमारे हिसाब से रहो।

माथे पर तेल लगाओ, गला बंद शर्ट पहनो और हमें हमेशा सलाम करते रहो। पप्पू ने इसके पहले कभी लफड़ा नहीं किया था। वह डर के मारे कांपने लगा। अब आगे क्या होगा? सुना था कि पड़ोस की पहाड़ी पर डाकू गब्बर सिंह रहता है, जिसके डर से पूरा जमाना कांपता है। उसको धमकानेवालों की डाकू गब्बर सिंह से दोस्ती थी। मरता क्या न करता, पप्पू चुपचाप हर बात मानता गया।

लेकिन एक दिन एक साधु महाराज आये। बोले-डरो मत-डटे रहो। पप्पू ने कहा कि देखिये न इ लोग हमको झप्पू बोलते हैं और कहते हैं कि अपना परिचय बदल दो।


साधु महाराज ने किस्सा सुनाया - बाप, बेटे और गधा का। जब बाप गधे पर बैठता, तो लानत मिलता था। बेटा गधे पर बैठता था, तो लानत मिलता था, अंत में गधे के साथ पैदल चलने पर भी लानत मिला

साधु महाराज बोले, इस दुनियादारी की लड़ाई में ज्यादा सुनोगे, तो बर्बाद हो जाओगे। जो मन कहता है, वही करो। चौक, चौपाटी पर मजमा लगानेवाले लगे रहते हैं। ज्यादा लफड़ों में पड़ने से अच्छा है कि कुछ ऐसा करो कि जमाना याद रखे।

साधु महाराज बोले-पप्पू तुम काम के आदमी हो, आगे भी अच्छा काम करोगे।पप्पू बोले-महाराज जी यही तो सबको हम समझाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। साधु महाराज बोले-ज्याद समझाने के चक्कर में ही तुम्हारा बंटाधार हो गया है। पॉलिटिक्स नहीं समझते। तुमको सब पिनका रहा है। ज्यादा पिनकोगे, तो लोग ज्यादा चिढ़ायेंगे। इसलिए पिनको मत, चुपचाप से इंतजार करो टाइम के पार हो जाने का।

पप्पू को पूरा माजरा समझ में आ गया। वह घूमने-फिरने निकल गया। टाइम पास होता चला गया। कुछ समय बाद आया, तो देखा कि जो कुछ लोग उसको धमकाते थे, वही लोग अब आपस में गुटबाजी करने लगे। पप्पू चिंतित हो गया। वह उन लोगों के पास गया। उन लोगों से मित्रता की। धीरे-धीरे सब लोग उसे अपनी तकलीफ बताने लगे।

पप्पू सबका धीरे-धीरे दोस्त बन गया। आज की तारीख में पप्पू सबका गुरु बन गया है। जो पहले धमकाते थे, वही आज दोस्त हैं। वैसे पप्पू ने अपने लिये एक अच्छा घर ले लिया है। अब उसे गंदगी निकालने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है। सड़क और खेत के किनारे के लोगों की बेहतरी के लिए वह पूरा जोर लगाये हुए है।

पता चला है कि पप्पू एगो एग्जाम में पास हो गया है और साधु महाराज ही मिठाई बांट रहे हैं-पप्पू पास हो गया, पप्पू पास हो गया

6 comments:

दिनेशराय द्विवेदी said...

पप्पू को पास होने की बधाई! हम ने अंकतालिका भी देख ली है। प्रथम श्रेणी है और कुछ विषयों में विशेष योग्यता भी।

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" said...

.:)

Udan Tashtari said...

पप्पू को पास होने की बधाई..हा हा!

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

कथा और उसके बाद प्रतिकथा।
ब्लॉग जगत में कथ्थकों की संख्या बढ़ती जा रही है।

@"ज्यादा लफड़ों में पड़ने से अच्छा है कि कुछ ऐसा करो कि जमाना याद रखे।"
जाने कितने 99 के बाद यही एक बात पूरे सौ बनाती है। पप्पू पास 100/100 के साथ !

अविनाश वाचस्पति said...

पप्‍पू के पास होने पर
हमें तो प्‍यार आ गया।

अनूप शुक्ल said...

पप्पू अब कौन क्लास में गया?

Prabhat Gopal Jha's Facebook profile

LinkWithin

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

अमर उजाला में लेख..

अमर उजाला में लेख..

हमारे ब्लाग का जिक्र रविश जी की ब्लाग वार्ता में

क्या बात है हुजूर!

Blog Archive