दोनों हाथों को चेहरे पर ले जाकर गहरी सांस लेकर अपने अंतरमन को उस ब्रह्म से जोड़ने की चेष्टा भी बेकार मालूम होती है। एक अंतहीन प्रकाश नजर आता है। काल का कभी खत्म नहीं होनेवाला चक्र नजर आता है। घड़ी की सुई को रोकने की कोशिश बैटरी को हटा देने से भी विफल रहती है। क्योंकि वह सुई भी एक संकेत मात्र है। काल की गति में भी वह और उसकी गति भी समाहित हो जाती है। |
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अनिश्चितता से भरी जिंदगी में ये हादसे आपकी-हमारी सोच को बदलने के लिए काफी रहते हैं। कहने को काफी कुछ रहता है। ऐसे मौकों पर शब्द भी नहीं मिलते। देखिये, यहां इस सिलसिले में कुछ लिखने की सोच रहा हूं, लेकिन कोई ऐसी बात नहीं मिल रही कि बात को आगे बढ़ाया जाये। क्योंकि उस एक फुलस्टॉप के बाद आगे कोई कहानी नहीं दिखती।
दोनों हाथों को चेहरे पर ले जाकर गहरी सांस लेकर अपने अंतरमन को उस ब्रह्म से जोड़ने की चेष्टा भी बेकार मालूम होती है। एक अंतहीन प्रकाश नजर आता है। काल का कभी खत्म नहीं होनेवाला चक्र नजर आता है। घड़ी की सुई को रोकने की कोशिश बैटरी को हटा देने से भी विफल रहती है। क्योंकि वह सुई भी एक संकेत मात्र है। काल की गति में भी वह और उसकी गति भी समाहित हो जाती है। हम, हमारा शरीर और हर चीज पंचतत्व में मिल जाती है। जिंदगी की कहानी एक अगली कड़ी के साथ आगे बढ़ जाती है। मौत एक कभी नहीं खत्म होनेवाली कहानी है।
1 comment:
वाकई, यही विचार घेर लेते हैं हर वक्त!
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