Thursday, October 15, 2009
राहुल का झारखंड में आना कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा।
राहुल का झारखंड में आना कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। एक तूफानी दौरा, उसमें भी खासकर युवाओं से रू-ब-रू होना कांग्रेसियों को जोश और जज्बे से पूर्ण कर गया है। आगे क्या होगा, किस तरह की राजनीति होगी, ये बाद की बात है, लेकिन अभी फिलहाल राजनीतिक चिंतक राहुल की तारीफों के किस्से गढ़ रहे हैं। हर कोई राहुल से संवाद करना चाहता है। राहुल की बयानबाजी साफ और विवाद रहित है। उनका स्पष्ट कहना है कि सरकारें नक्सल प्रभावित राज्यों में आम जनता से दूर हैं। राहुल युवाओं से राजनीति में आगे आने की अपील करते हैं। आप भाजपा और कांग्रेस को सामने रखकर अब उसकी रणनीति पर गौर करें। भाजपा में कहीं भी युवाओं को जोड़ने की कवायद नहीं दिखती। कहीं से भी जमीनी कार्यकर्ता खुश नहीं दिखाई देते, वैसे में राहुल का युवा कांग्रेस को मजबूत करने का प्रयास काफी कुछ कह जाता है। कांग्रेस की जमीन तैयार हो रही है। मजबूत जमीन। भले ही ये अखबार के कागज पर हो या विचारों में। लेकिन ये हल्के ताजे हवा के झोंके की तरह काम कर रहा है। आम लोगों को कांग्रेस के नजदीक पहुंचा रहा है। राहुल की संवेदनशीलता भी कुछ कह जाती है। उग्रवादी हिंसा में शहीद इंदवार की पत्नी से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दे गये राहुल। कांग्रेस एक काबिल व्यक्ति के साथ अपनी जमीन तैयार कर रहा है और भविष्य के लिए मजबूत हो रहा है, इसमें दो राय नहीं है। राहुल कांग्रेस को युवाओं के सहारे मजबूत बनाकर इस देश को मजबूत बनायें, यही कामना है।
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