Sunday, January 3, 2010

लंगोटा बाबा के नाम पत्र

बाबा को प्रणाम 




बाबा आप कहां थे? अब तक ये ब्लाग जगत आपके बिना अधूरा था। बाबा, आप तो अंतर्यामी हैं। जगत के कण-कण में व्याप्त हैं। मैं आपके ब्लाग पर गया, तो पता चला कि आप सिद्ध पुरुष हैं और हिमालय में २० साल की तपस्या कर नीचे आये हैं। बाबा ये ब्लाग जगत निहित स्वार्थों के कारण विवादों में उलझा पड़ा है। इस जगत में इतनी ज्यादा समस्याएं हैं, लेकिन उन्हें सुलझाने की बजाय लोग धर्म का विवाद लिये बैठे हैं। इस बारे में थोड़ा अपनी बेबाक राय जरूर दें। हमें आपने बच्चा कहा है, तो उम्मीद है कि आनेवाले समय में आपका कमेंट रह-रहकर मिलता रहेगा। लेकिन एक बात दिल से कहें, बाबा आप इस मायावी दुनिया के चैंपियन आफ द चैंपियन लगते हैं। आपकी बातें निराली होती हैं। आपका परिचय निराला होता है। 


बाबा फरमाते हैं - डायरेक्ट हिमालय से बीस साल की साधना के बाद निचे उतारकर लाये गए हैं! जन कल्याण करना हमारा उद्देश्य है, प्रेमिका को पटाना, बाँस को बस में करना, घूसखोरी से धन प्राप्त करना, स्टिंग आँपरेशन से बचना, ब्लॉग की टीआरपी बढ़ाना हो तो तुरंत संपर्क करें ! बाबा भाषा सुधारिये निचे को नीचे लिखें....माफी-माफी बाबा.  


वैसे बाबा, आप कल मेरे सपने में आकर बता गये कि आप आ रहे हैं। मुझे पूर्वाभास भी हो गया था। आपके आने से देखिये कितनी रौनक हो गयी है। लोगों यानी ब्लागरों के ब्लाग पर रौनक ही रौनक है। हम तो ठहरे कम जानकार, जो चाहा टिपिया देते हैं, अब आपकी तीक्ष्ण नजरें चीजों नये सिरे से समझेंगी। लेकिन बाबा, आप उन लोगों को कैसे समझायेंगे, जो शार्ट कट मैथड से ब्लागिया जगत को गुमराह कर रहे हैं। बाबा आपके फोटो में आपका ऐनक भी थोड़ा बड़ा हो जा रहा है। अगर उसे थोड़ा स्टाइलिश बनवा लेते, तो मजा आ जाता। हम तो चाहते हैं कि आपको सब जानें, इसलिए ये पोस्ट भी लिख दिया और अब लिंक भी दे रहे हैं। आपका आशीर्वाद बना रहे। इसी आशा के साथ आपका चेला प्रभात




वैसे बाबा अपनी उम्र छिपा रहे हैं। अपने परिचय में १९८ साल बताते हैं, जबकि उनकी उम्र २०० साल है। ये मुझे उन्होंने सपने में बताया था। बाबा की चुटकी भुसकोल विद्यार्थी को तुरंत तेज कर देती है। बाबा का मुक्का बड़का-बड़का को चलता कर देता है। बाबा से अपील है कि टीवी में आकर पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करें। बाबा आप बात मानेंगे न...




एक अपील -
एक बात और सरकार जहां अभी मानसरोवर की यात्रा करा रही है, तो आप वहां से नीचे क्यों आ गये? क्या वहां आपको ज्यादा ठंड लग रही थी। बाबा ऐसा मत करिये। आप शायद नीचे उतर कर यहां आ गये हैं, इसलिए शीतलहरी चल रही है। ये ठीक नहीं है। कल ही एक ज्योतिष महाराज बता रहे थे कि कोई ल नाम के बाबा धरती पर आकर उत्पात मचा रहे हैं। बाबा इट इज अर्जेंट-हिमालय की ओर लौट जाएं।

3 comments:

Udan Tashtari said...

बाबा को हम अपना चश्मा भेंट कर दें तो शायद मामला ठीक बनें. :)

बड़ा हिट चश्मा रहा है बाबा हमारा!! जय हो!!

Udan Tashtari said...

’सकारात्मक सोच के साथ हिन्दी एवं हिन्दी चिट्ठाकारी के प्रचार एवं प्रसार में योगदान दें.’

-त्रुटियों की तरफ ध्यान दिलाना जरुरी है किन्तु प्रोत्साहन उससे भी अधिक जरुरी है.

नोबल पुरुस्कार विजेता एन्टोने फ्रान्स का कहना था कि '९०% सीख प्रोत्साहान देता है.'

कृपया सह-चिट्ठाकारों को प्रोत्साहित करने में न हिचकिचायें.

-सादर,
समीर लाल ’समीर’

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

जय हो बाबा की.

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