Friday, February 26, 2010

सफल ब्लागर बनना है, तो ये गुण अपनाइये..

कल बस में बैठकर लौट रहा था, तो ब्लाग जगत के चतुर रामालिंगम साहब से भेंट हुई। कहने लगे, हम आपको पहचानते हैं। हमने कहा-क्यों और कैसे, तो उन्होंने कहा कि बस आपको पहचानते हैं। तुसी ग्रेट हो। हमने कहा कि ये क्यों भाई, आप हमें ग्रेट क्यों बोल रहे हैं, तो बोले-आज-कल आपकी कुछ ज्यादा ही चर्चा है। आप लोगों ने एमएफ हुसैन साहब को इतनी खरी खोटी सुनाई की उन्होंने कतर की नागरिकता स्वीकार करने की तैयारी कर ली है। बोले-आप चाहें, तो हुसैन साहब से बतिया भी सकते हैं। हमने कहा-भैया, कहीं ....जी के कानों तक बात पहुंच गयी, तो वे तगड़ा पोस्ट ठेल देंगे। वैसे भी हम उन्हें कह आये हैं कि आप ब्लाग जगत के शिव खेरा हैं। वे बोले-हां .... जी की बातों में दम है। वे बातें ठोक बजा कर करते हैं। क्या मजाल की कोई कांग्रेसी इधर-उधर ब्लाग के पास नजर आ जाए। गजब का जोश रहता है।

चतुर साहब ने पूछा-अच्छा एक बात बताइये, सफल ब्लागर होने के क्या गुण हैं। तो हमने कल दो पोस्टों का उनके पास जिक्र किया, एक तो ....जी और दूसरा एक और ब्लाग का, जिसमें स्टेप बाइ स्टेप तरक्की के गुर बताये गये हैं।

हमने कहा, देखिये सफल ब्लागर वही है, जो कुछ न कुछ पोस्ट ठेलता रहे। उसकी पोस्ट अच्छी होगी, तो लोग ऐसे ही कमेंट करेंगे और नहीं अच्छी होगी, तो कुछ नहीं होगा। हमने तो जिंदगी भी उसी मस्ती में जी है। आप हमें हां मिलायें, तो भी ठीक और नहीं मिलायें, तो भी ठीक।

दूसरा सफल ब्लागर वह भी है, जो आलोचनाओं को सहना सीखे। आलोचना करे, तो प्यार से आलोचना को झोली में डाल ले। आलोचना एक ऐसी चीज है, जो ये बताती है कि आपकी बात में दम है। नहीं तो मरे कुत्ते पर कोई पत्थर नहीं फेंकता है। इसलिए आलोचना को सहना चाहिए। आलोचक हमारे सबसे अच्छे मित्र हैं।

तीसरा-मित्रवत संवाद कायम रखिये। ब्लागर बंधुओं से अपनी पोस्टों के स्तर की बात करते रहें। जिससे लेखन में निरंतर सुधार होता रहे। इस
धरती पर कोई जन्म से काबिल होकर नहीं आया है। काबिल बनने के लिए हर स्तर पर सीखना होता है। इसलिए लगातार सीखिये, भाषा के स्तर पर, सामान्य ग्यान के स्तर और व्यवहार के स्तर पर

चतुर रामालिंगम खुश हो गए। बोले, देखिये, हम तो गपशप करते हुए आपसे इतने टिप्स ले लिये। लेकिन तभी बस की अगली बस से जोर से टक्कर हो गयी। हम लगे चिल्लाने-चतुर रामालिंगम को बचा लो, चतुर को बचा लो। देखता हूं कि सामने भाई साहब खड़े होकर हंस रहे थे। कहने लगे-आधे घंटे से किस चतुर से बातें कर रहे थे।

पता लग गया कि मामला सपने का है। इसलिए चुप्पी धार लिये। लेकिन चतुर साहब से बतियाते हुए जो तीन सूत्र हाथ लगे, उसका आजीवन पालन करते रहना है। वैसे हम भी अगले २० साल तक ब्लागिंग की भीष्म प्रतिग्या किये हुए हैं। देखते हैं, पूरी होती है या नहीं।

5 comments:

Udan Tashtari said...

सूत्र अच्छे है और जब प्रतिज्ञा कर ही ली है तो पूरे भी हो ही जायेंगे, शुभकामनाएँ.

श्यामल सुमन said...

सूत्र बहुत अच्छे लगे कोशिश की दरकार।
सच्ची कोशिश हो अगर निकले राह हजार।।

होली की शुभकामनाएं।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

Randhir Singh Suman said...

nice

Hindu Bulletin said...

होली के मौके पर बहुत से "सफ़ल ब्लागर ले लो, सफ़ल ब्लागर" टिप्स आ गये हैं बाजार में… :) :)

भारतीय नागरिक - Indian Citizen said...

बहुत खूब.

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