Saturday, July 17, 2010

फेसबुक मित्रों आपकी तमाम शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद

फेसबुक पर मित्रों की लंबी फेहरिस्त है. जाने-अनजाने कभी टिपिया कर, तो कभी चैट बॉक्स पर जाकर बतियाने की प्रक्रिया जारी रहती है. १६ जुलाई को अपने जन्मदिन पर वहां पर बधाई देनेवालों की लंबी संख्या देखकर ये लगा कि इतने शुभचिंतक साइबर की दुनिया में मौजूद हैं.

 फेसबुक के बहाने अगर ३०-४० से ज्यादा लोगों के जेहन में हमने अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है, तो मैं इसे अपनी सफल कोशिश कहूंगा. जब पूरी दुनिया में रिश्तों का बिखरना जारी है. लोग नए रिश्ते यूं ही तोड़ दे रहे हैं, तब बिना किसी स्वार्थ के देश और दुनिया के किसी छोर पर बैठे व्यक्ति द्वारा जन्मदिन के मौके पर बधाई देने आह्लादित यानी मन को खुश कर जाता है. कोई व्यक्ति आपके लिए खुशी की कामना कर रहा है, इससे बढ़कर और क्या बातें हो सकती हैं. जीवन में कई खुशियां शामिल रहती हैं, लेकिन मेरी ये खुशी कुछ अलग है. जाने-अनजाने घर बैठे मुझे फेसबुक ने इतने दोस्त दिए हैं कि शुक्रिया जैसा शब्द कहना छोटा पड़ जाएगा. हमारी जैसी पृष्ठभूमि रही है, उसमें जन्मदिन के दिन घर में ही खीर और हलुवा बनाकर खा-पीकर जन्मदिन मना लेने की प्रवृत्ति रही है. वैसे में फेसबुक पर मौजूद दोस्त ऐसे दिन में खुशियां बांटते हैं, तो लगता है कि अब इस दिवस को कुछ अलग तरह से मनाया जाए.

लेकिन मेरे साइबर दुनिया के दोस्तों मैं कैसे एक जगह पर सारे लोगों को बुलाऊं, ये आप ही बता सकते हैं. हमारी और आपकी मजबूरी समान है. जो गति तोरी वो गति मोरीवाली बात है. ऐसे में मैं तो यही कहूंगा कि मेरी ओर से आप धन्यवाद के प्रस्ताव को स्वीकार कीजिए और मुझे जिंदगी को बेहतर बनाने के तरीके बताते रहिए. कम ही दोस्त होते हैं, जो सही मोड़ पर सही दिशा बताते हैं. आपके स्टेटस पढ़कर जिस जानकारी की जरूरत होती है, वो तो ऐसे ही पूरी हो जाती है, लेकिन जन्मदिन के बहाने एक संवाद की ओर छोटा कदम आगे बढ़ा है, उसे और बढ़ाते चलिये. जिंदगी में आप जैसे दोस्तों का अहम स्थान है. कुछ दोस्त उम्र में भी बड़े हैं. उम्मीद है कि उनके अनुभव का भी लाभ आनेवाले दिनों में मिलेगा. रास्ते में जिंदगी का कारवां यूं ही आगे बढ़ता रहेगा, बस आपके सहयोग की दरकार है. आपकी तमाम शुभकामनाओं के लिए एक बार फिर धन्यवाद.

1 comment:

शरद कोकास said...

यह प्यार बनाये रखिये प्रभात जी ।

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