मेरी तन्हाइयों का साथी फेसबुक आज कल एक गजब की त्रासदी से गुजर रहा है. आफिस में लोग इसे संदेह की नजरों से देख रहे हैं. कई जगहों पर से खबरें आती हैं कि ये ब्लाक कर दी गयी हैं. जरा चिट्ठी-पत्री के जमाने को याद करिये. उस जमाने में धीरे-धीरे सूचनाएं लीक होती थी. कोई भी बात सात दिन बाद दूसरे जिले के गांव तक पहुंचती थी. आज हाइटेक होते जमाने में पलभर में गपिया कर इनफारमेशन शेयर कर लेते हैं.
इस फास्टनेस में हमने एक चीज खो दी, वह है विश्वसनीयता. हमारा विश्वास. हमारी जिंदगी में हमें खुद अपने साथी पर भरोसा नहीं रहता. वैसे ही कंपनी को अपने कर्मचारी पर भरोसा नहीं रहता. ये स्थिति किसी एक कंपनी में नहीं, बल्कि दुनिया की हर तीसरी कंपनी में है. वैसे जिस फेसबुक को लेकर टटेंशन है, उसमें काम करनेवाले कर्मचारी मस्त हैं. वे अपनी कंपनी में सबसे ज्यादा खुश हैं. जाहिर है कि फेसबुक कंपनी में फेसबुक बैन नहीं है. ये विचारों का आदान-प्रदान करनेवाला सिस्टम आज हिट है. कोई बंदा सेंटी होकर कभी कुछ लिख जाता है, तो कई लोग वहां उसके जज्बात के साथ अपनी बातें भी रख देते हैं. कई लोगों ने अपने पुराने मित्रों को खोज कर उनसे जुड़े हुए हैं. मेरी खुद दिल्ली में बैठे कई बंदों से दोस्ती हो चुकी है. रांची में बैठ बिना किसी खर्च के दोस्ती नुकसानदायक नहीं है.
वैसे इसमें लफड़ा तब होता है, जब फेसबुक को लेकर आदमी सेंटिया जाता है. काम के वक्त भी वह फेसबुक को खोल कर अपने विचार उड़ेलता है. ऐसे में कंपनी वाले भी क्यों ना सेंटियाए. यहां अपनी जिम्मेदारी को समझने की बात होनी चाहिए. जब भी सेंटियाइए, तो दिल को कुछ देर शांत रख कर सही तरीके से सोचिये. अपना आउटपुट बेस्ट दीजिए और काम खत्म होने के बाद या घर पर १५ से ३० मिनट तक फेसबुक को समय दीजिए. ये एक सबसे हिट तरीका हो सकता है. कहने का मतलब है कि कंपनियां अगर सेंटिया रही हैं,तो इसलिए कि आप या हम खुद सेंटिया जा रहे हैं. प्रतिस्पर्द्धा का युग है. ऐसे में थोड़ा ग्लोबल होकर तो सोचना ही होगा. वैसे भी ताली एक हाथ से नहीं बजती. इसलिए नौकरी करनी है, तो फेसबुक को नौकरी के घंटे से बाहर ही यूज करें.
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5 comments:
ऑफिस में तो हम भी फेसबुक कम यूज करते हैं, काम के समय फेसबुक लोगिन नहीं करते, बहुत से कंपनियों में फेसबुक को बैन कर दिया गया है, और कंपनी वाले भी अपनी जगह सही ही हैं की लोग काम से ज्यादा फेसबुक पे ध्यान दे रहे हैं, तो कंपनी वाले भी क्यों न बैन करें फेसबुक को.
सही है.
बिलकुल सही....
हमारी कंपनी ने फेसबुक को ताला लगा रखा है ...
बिल्कुल सही बात कहीं आपने...............
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