Thursday, July 31, 2008
अद्ऽभुत था महिषी शक्तिपीठ का अनुभव
सहरसा जाना हुआ। किसी ने कहा कि महिषी शक्तिपीठ घूम आइये। कोशी इलाके में बसे होने के कारण पूरा इलाका बाढ़ से प्रभावित रहता है। ईश्वर के आशीवाॆद से मेरे छोटे भाई के दोस्त की मोटरसाइकिल मिल गयी। हम सब मोटरसाइकिल से शक्तिपीठ स्थल गये। कहा जाता है कि यहां पर मंडन मिश्र ने शंकराचायॆ के साथ शास्त्राथॆ किया था। उसमें मंडन मिश्र हार गये थे। उसके बाद मंडन मिश्र की पत्नी ने शास्त्राथॆ में शंकराचायॆ को पराजित किया था। इस शक्तिस्थल का रास्ता बनगांव होकर जाता है। यह गांव अपने एरिया के अलावा पढ़ाई-लिखाई के लिए काफी फेमस है। यहां के कई बाशिंदे उच्च पदों पर और देश-विदेश में नाम रौशन कर रहे हैं। कोशी के इस पार से आपको दरभंगा जिले की सीमा दिखाई पड़ेगी। पुल नहीं होने के कारण लोगों को दरभंगा काफी घूमकर आना पड़ता है। अगर पुल बन जाये, तो यह रास्ता महज कुछ घंटों का होगा।
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1 comment:
सर! बस एक थोड़ी-सी correction है: "कोशी" नहीं "कोसी" कहलाता है हमारा इलाका...! बाकी बातों से हम भी इत्तेफाक रखते है आपकी.
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