केबुल टीवी के प्रचार-प्रसार ने हमारे मिडिल क्लास की जिंदगी बदल डाली है। पूरी दुनिया रिमोट के चंद बटनों में सिमट गयी है। इसने हमारे अरमानों के पंखों को ऐसी हवा दी कि हमारा भी मन आसमान को छूने के लिए मचल उठा है। इसी रोमांच और जुनून की प्रेरणा से दीपक तिकीॆ जैसे विजेता निकलते हैं। दो अगस्त की रात झारखंड के लोग टीवी पर आंख गड़ाये धौनी और युवराज के साथ दीपक को देखकर गदगद हो रहे थे। उनके दीपक का सपना पूरा हो रहा था । वह जिन्नी एंड जॉनी चक दे बच्चे के ग्रैंड फिनाले का विजेता घोषित हो गया । साथ दिया उदयपुर (राजस्थान) की निष्ठा ने। दीपक की जीत ने इस मिथक को तोड़ डाला कि विजेता सिफॆ बड़े शहरों में पैदा होते हैं । उनके सपोटॆ में थे भारतीय क्रिकेट की पहचान महेंद्र सिंह धौनी । सबकुछ सपने जैसा था, खासकर झारखंड के लोगों के लिए ।
शनिवार की रात मुंबई के नरीमन प्वाइंट के एनसीपीए हॉल में यह भव्य कायॆक्रम हुआ। इससे छोटे शहरों के बच्चों का भी कांफिडेंस बढ़ा । इस फिनाले का थीम भी मेट्रो बनाम गांव था । देसी धुरंधर दीपक तिकीॆ और निष्ठा की जोड़ी ने मेट्रो रॉकसॆ जयपुर की लौरिया और पंजाब के वरुण की जोड़ी को पराजित कर दिया। इससे पहले झारखंड के धनबाद से मियांग चांग ने गायकी की प्रतियोगिता में जो छाप छोड़ी, उससे आज तक लोग अभिभूत हैं।
सफलता चाहिए, तो सपने देखो - किसी ने कहा है कि अगर सफलता चाहते हो, तो सपने देखो । शायद इस सफलता के पीछे दीपक के माता-पिता के इसी सोच और जज्बे ने काम किया और दीपक बन गया मिडिल क्लास का नया सितारा ।
Sunday, August 3, 2008
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