दस मीटर एयर रायफल में स्वणॆ जीत कर बिंद्रा ने इतिहास रच डाला। सौ साल के इतिहास में पहले किसी भारतीय ने भी व्यक्तिगत गोल्ड मेडल नहीं जीता था। लेकिन बिंद्रा ने इस उपलब्धि को हासिल कर ऐसा कर दिखाया है,जो आनेवाली पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। भारत का खेल जगत काले बादलों से घिरा हुआ है, उसमें सूरज की किरण रौशनी बिखेरने का काम किया है बिंद्रा ने। बिंद्रा को भले ही कोई उपहार दे या पुरस्कार, हम तो यही कहेंगे कि अभी बस से शुरुआत है। आगे-आगे देखिये होता है क्या।
अभिनव को लाख-लाख बधाई
Monday, August 11, 2008
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