Sunday, November 23, 2008

बीता जमाना- नुक्कड़ और रजनी सीरियल याद है या भूल गये?

क्या आपको नुक्कड़ और रजनी सीरियल याद है। भूल गये क्या? मिस्टर एंड मिसेज, हमलोग, बुनियाद, तमस नहीं.... अरे भाई साहब, ऐसा भी गजब मत करियेगा, अगर आप कुछ भी टीवी देखते होंगे, तो ये ऊपर के सारे सीरियल आज तक आपकी यादों के हमसफर जरूर होंगे। मुझे अचानक नुक्कड़ सीरियल के खोपड़ी भाई साहब याद आ गये। क्या मस्त किरदार था। पीते थे, लेकिन हमको हंसाते हुए। जिंदगी में उस सीरियल के किरदार ने न जाने कितने ददॆ पाये थे, लेकिन सारे गमों को शराब में बहा देने की काबिलियत थी। अब आप खोपड़ी भाई साहब की नकल न करें। मुझे तो सीरियलों ने उस समय जो जीने का तरीका सीखाया, वह आज तक फॉलो कर रहा हूं। रजनी सीरियल ने उस समय भारतीय नारी का सशक्त और जीवंत चित्रण प्रस्तुत किया था, उसने भारतीय नारी के स्वरूप को काफी हद तक बदल डाला था। मुंगेरी लाल के हसीन सपने भी तो याद होगा ही। हंसते-हंसते लोट-पोट करने की क्षमता रखते थे भाई साहब।

आज भले ही सास-बहू सीरियल कमरशियल आसपेक्ट से हिट होती रहती हो, लेकिन ये तो जिंदगी के असल स्वरूप को छिपाकर आपको नकली दुनिया की सैर कराते हैं। उड़ान सीरियल के किरदार में एक लड़की के जिंदगी के संघषॆ को संजोया गया था। मेरी जिंदगी पर तो उन सीरियलों ने गहरी छाप छोड़ी थी। आप पर भी जरूर छोड़ी होगी। मैंने तो बस चलते-चलते आपकी पुरानी यादों को ताजा करने की कोशिश की है। आज के किसी सीरियलों में वैसी धमक नहीं दिखती, जैसी पुरानी सीरियलों में हुआ करती थी। बगल के श्रीवास्तव जी, या पास का मनोज आपकी सीरियल (उस समय का) का किरदार बना करता था। अब तो नायक करोड़ रुपये के बिजनेस से नीचे बात ही नहीं करता। चलिये इस लेखन के बहाने आप भी उन किरदारों को फिर एक बार याद कर लिजिये।

2 comments:

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

good, narayan narayan

संगीता पुरी said...

नए सीरियल देखने में रूचि नहीं है , पुराने सभी सीरियल , जिनको भी देखा था , उसके बहुत सारे अंश अभी तक याद हैं। रजनी को नहीं भूली अभी तक। नुक्‍कड शायद नहीं देखा था।

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