Thursday, January 15, 2009

मात्र एक चवन्नी में मत बेचिये बिहार के नाम को

बिहार की छवि ऐसी है या बना दी गयी है कि उसके नाम पर लिखे गये लेख हिट हो जाते हैं। उसके नाम पर की गयी राजनीति बवंडर पैदा करने का काम करती हैं। एक महोदय के ब्लाग पर गया, तो पटना के सिनेमा हॉल में कायम अव्यवस्था का जिक्र पाया। मानते हैं कि पटना ऐसा है या वैसा है। लेकिन एक महत्वपूणॆ सवाल है कि उस हिसाब से दिल्ली, मुंबई या लखनऊ पूरी तरह सुरक्षित हैं? क्या उन शहरों में स्थिति अच्छी है। एक गौर करनेवाली बात ये है कि बिहार में ऐसा हो रहा है या बिहार के लोग ऐसे हैं, वहां का सिनेमा हाल अव्यवस्था का मानक है, जैसी बातें तो काफी होती हैं। लेकिन बिहार या बिहारियों के सकारात्मक पक्ष की बातों को क्यों नहीं उठाया जाता है? क्या बिहारियों की मेहनत, मशक्कत और वहां की संस्कृति के बारे में नहीं बताया जा सकता है? उस एक महत्वपूणॆ लेख में खास तरह की सनसनी भी पैदा करने की कोशिश है। और ये ऐसा लेख प्रतीत होता है, जो पूरी तरह नकारात्मकता का बोध लिये हुए है।

जो गौर करने लायक सवाल हैं -
क्या किसी दूसरे शहर में ये घटनाएं नहीं होती हैं?
क्या दूसरी जगहों पर लड़कियों की स्थिति पूरी तरह सुरक्षित है?
क्या बिहार के नाम पर ऐसे लेख स्वस्थ बहस को जन्म देते हैं?

बिहार के प्रति नकारात्मक रुख अपना कर पापुलेरिटी रेट को बढ़ाने की ये एक कोशिश ही है। जिसका न कोई आधार है और न कोई तकॆ। बिहार में काफी कुछ है। वहां मधुबनी पेंटिंग है, जिसरी पूरी दुनिया मुरीद है। बिहारियों की प्रतिभा के सब कायल हैं? बाहर में भी बिहारियों को कोई मुफ्त में पैसे नहीं देता, उनसे काम लिया जाता है और वे काम करते हैं। उनकी मेहनत के सब कायल हैं।
अब किसी के मन में बिहार के प्रति नकारात्मक छवि ही घर कर जाये, तो उसके लिए हम-आप क्या कर सकते हैं?

3 comments:

ss said...

आपने इस विषय पर लिखा आपका बहुत बहुत धन्यवाद| ऐसा मैंने भी बहुत देखा है, सबको पता है दिक्कत है लेकिन उसे सनसनीखेज बना कर पेश करो ताकि लोग बिहार को गाली दें और हमें शाबासी| वहीँ जहाँ कुछ अच्छा होता है बिहार में उसपर इनकी सिट्टी पिट्टी गम हो जाती है, किसी ने लिख दिया तो बना बनाया बाजार ढह जाएगा|

Anonymous said...

मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूँ |

Gyan Dutt Pandey said...

बिहार लोगों में एक्स्ट्रीम रियेक्शन पैदा करता है। बहुत शानदार अतीत। बहुत प्रतिभासम्पन्न लोग। बहुत चौपट वर्तमान!

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