Sunday, November 22, 2009

सोनिया मैडम के फोन नंबर रखे हैं, मलिकार






रवींद्र पांडेय वरिष्ठ पत्रकार और व्यंग्यकार हैं। उनके व्यंग्य जीवन और राजनीति के यथार्थ को बेहतरीन तरीके से स्पष्ट करते हैं। दैनिक हिन्दुस्तान में ये व्यंग्य झारखंडी झटका के कॉलम के नाम से प्रकाशित होते रहते हैं।






मंगरा फोन पर बिजी था। देखते बोला, सोनिया मैडम के फोन नंबर रखे हैं, मलिकार, दीजिए न एक मिस कॉल मारेंगे। उनके पास तो सरकारी फोन होवेगा। ओने से फोनवा करेंगी, तो भरपेट बतियावेंगे। .. मैडम बोली हैं कि झरखंडवा चौराहा पर खड़ा है। उसको बुलाइए न रहा है कि कने जाना है..

हम बतावेंगे, ए मैडम जी, झरखंडवा चौराहा पर न है, चौराहा पर तो हमेशा आपके पार्टिये वाला लोग रहता है। ताकते रहता है, कौन गाड़ी वाला लालच में फंस के सत्ता रानी के दुआरी तक ले जाए ला तैयार हो सकता है। जइसहीं कवनो भेंटाता है, बिदाउटे टिकट बइठ जाएगा। कवनो शर्त नही है भइया, बस सत्ता रानी के महिलया तक पहुंचा दो। .. उहां जाके सत्ता के मलाई चाभेगा। बाद में मुंह पोछ के बोल देगा.. मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो। .. ग्वाल बाल सब बैरि पड़े हैं बरबस मुख लपटायो।

.. मैडम जानती हैं कि नक्सलवाल यहां की सबसे बड़ समस्या है। अउर बतियावे से ओकर रास्ता भी निकल सकता है। .. हम मैडम को बोलेंगे, सब जानिए रहल हैं, तो जाके एक बार बतियाइए काहे नहीं लेती हैं। जवना हेलिकोपटरवा से इहा-उहां घूम के पब्लिक से बतिया रही हैं, ओही से सारंडा के जंगल में चल जाइए। आपसे बढ़िया से बतिया सकता है। जाके फाइनले बतियाइए और झरखंडवा के नक्सलवाद से छुट्टी दिलाइए।.. .मैडम बोली हैं.. आप साथ दें, जान लगा दूंगी। हम बोलेंगे उनको, आप जान लगाइये दीजिए, हम आपके साथ हैं। फिकिर करे के जरूरत न है। मंगरा अब दाल नहीं खाता। हजार रुपए किलो भी हो जाए, तो गम नहीं। अब महंगाई से डर नहीं लगता। बजार देने ताकले छोड़ दिए हैं जी...। मलिकार हमको ममता दीदी से भी बतियाना है। नक्सली लोग उहो से परेशान हैं। उ लोग उनका ट्रेनवे उड़ा दे रहा है। .. ट्रेनवा तो दूसरी आ जाएगी, लेकिन इ जो रात-बिरात अधिकारी लोग लोग के नींदवा
उड़ रहल है, उसका का होगा...। बोलेंगे, ममता दीदी से, ईंट के जवाब पत्थर से काहे नहीं दे देती हैं। आप भी बंद बुलावे के मास्टरनी रही हैं। उ लोग बंद बुलाता है, तो आप भी बुला दीजिए। सब ट्रेन रोकवा दीजिए। बोलिए, जब तक नक्सली लोग माफी नहीं मांगेगा, कोई गार्ड झंडी नहीं दिखाएगा।.. ट्रेनवे नहीं चलेगी, तो उ लोग किसको उड़ाएगा? अपने अकबका के माफी मांग लेगा..। हमेशा के लिए झंझट खत्म कीजिए। बुलाइए बंद।


रवींद्र पांडेय, रांची (फोन नंबर-9431546847)
साभार हिन्दुस्तान


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