Wednesday, April 28, 2010
आइए पलटी मैनेजमेंट की पाठशाला झारखंड में
आइए पलटी मैनेजमेंट की पाठशाला झारखंड में। यहां वह सब देखिये और सीखियेगा, जो आप कहीं और नहीं सीख पाये। मौके पर कैसे पलटा जाये। कैसे जुगत भिड़ाई जाये। कहानी कुछ नरसिंहराव के जमाने से शुरू होती है। शिबू सोरेन रिश्वत कांड में नप जाते हैं। राजनीतिक साख गिरवी रखी जाती है। उनके साथ शैलेंद्र महतो और सूरज मंडल सरीखे लोग राजनीति में हाशिये पर आ जाते हैं। वक्त की रफ्तार धीमी पड़ती जाती है। मुझे तो झारखंड के बंटवारे के बाद टीवी स्क्रीन पर मरांडी के शपथ ग्रहण समारोह के समय शिबू का बाहर में मुंह लटका कर खड़ा चेहरा आज तक याद है। कह रहे थे कि झारखंड आंदोलन में सबकुछ दांव पर लगा दिया, उन्हें ही सीएम बनना चाहिए था, लेकिन बने नहीं। गुरुजी बेचारे मुंह ताकते रह गये। इसी तरह बाद में थोड़े-थोड़े दिनों के मुख्यमंत्री बनते रहे। फिर पेंच में पड़कर तमाड़ में राजा पीटर ने ऐसी पटकनी दी कि इतिहास में नाम दर्ज करा आए अकेले सीएम के रूप में चुनाव हारने का। जब से शिबू की सरकार बनी, कोई विकास नहीं दिखता है। ये इस राज्य का दुर्भाग्य है कि यहां पर पलटी मैनेजमेंट की बादशाहत कायम हो गयी है। शिबू जी के चुनाव लड़ने के लिए किसी ने रिश्तेदारी में भी सीट नहीं छोड़ी। बेचारे अकेले पड़ गये। कहीं से लड़ते, तो राजा पीटर टाइप का कोई हरा देता, ऐसा हो सकता था। एक ही रास्ता था कांग्रेस का हाथ पकड़ लो। कम से कम लोकसभा में सांसद तो रहेंगे। सो कर दिया। अब सरकार चाहे, ऊपर जाये या नीचे, उनका अपना भविष्य सुरक्षित है। पलटी मैनेजमेंट की तकनीक सीखने के लिए मैनेजमेंट के विद्यार्थियों को यहां रिसर्च जरूर करना चाहिए। अब देखिये भाजपा भी सिर धुन रही है। गलती से बटन दबाकर शिबू जी ने पूरा गेम ही बदल दिया। सिर घूम जाता है कि आदमी ऐसा गलती से बटन भी दबाता है, क्या? बड़ी मुश्किल की घड़ी में राज्य की जनता है। उस समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कौन उसका बेड़ा पार लगायेगा, विकास की गंगा बहायेगा। देखिये आगे-आगे होता है क्या?
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3 comments:
यह सब भारत की गरीब जनता की पीठ में छुरा घोंपने जैसा है..
बड़ी मुश्किल की घड़ी में राज्य की जनता है। उस समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कौन उसका बेड़ा पार लगायेगा, विकास की गंगा बहायेगा। देखिये आगे-आगे होता है क्या?
Bahut khub..It was grave mistake to divide Bihar. Now I fee Bihar was backward due to Jharkhand and Guruji type politician.
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