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नेशनल गेम्स में कार्यक्रम पेश करते सुखविंदर |
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कार्यक्रम पेश करते कलाकार |
११ फरवरी की रात एक जलजला सा आ गया था. चमनलाल परेशान हो गए. उन्हें नेशनल गेम्स का पास ही नहीं मिला था. वे इतने परेशान हो गए कि जान-पहचान वाले मीडिया के लोगों को फोन लगाया. कहा-भइया आप लोगों को तो बड़ा पहुंच है, एकठो पास दिलवा दीजिए.अब मीडिया वाले ऐसा होने के बाद मुंह ताकने लगे. वे कैसे कहते कि उन्हें खुद पास नहीं मिला है.बाहर तो हांक देते हैं कि ऐसे-वैसे हैं, लेकिन यहां तो खुदे पूछ नहीं है.चमनलाल ने नेतवन सब के पास गए, तो वे भी हाथ उठा चल दिए. चमनलाल ने ठान लिया कि नेशनल गेम्स में समीरा रेड्डी और अमिशा पटेल आ रही हैं और वो नहीं जाएंगे , ऐसा हो नही सकता. चमनलाल शिकायत लेकर पहुंच गए मीडिया के दरबार में. मीडिया वाले उनकी शिकायत सुन खाली मुस्कुरा दिए. वो बोले-चचा चिंता मत कीजिए, कोनो ना कोना सेटिंग करके पास दिला देंगे. चमनलाल बोले-मीडिया का पावर को क्या हो हया है. एकठो पास तक नहीं दिला सके हैं. अब चमनलाल अपना हाइ कांटेक्ट को यूज करने के लिए दौड़ पड़े. चमनलाल को एक पास मिल गया जैसे-तैसे. अब चमनलाल नेशनल गेम्स में पहुंच गए कार्यक्रम देखने. वहां पर समीरा रेड्डी का डांस उनको दिखिये नहीं रहा था. वैसे लेजर शो देखकर मन चंगा हो गया. चमन लाल अमिशा पटेल को भी देखे. वे एक बात जरूर कहते हैं कि अर्जुन मुंडा ने बाजी मार ली है. इस बार गेम्स कराके दिखा दिए हैं. चमनलाल लेकिन एक बात पूछते हैं कि लोकल कलाकार सबको क्यों नहीं महत्व दिया गया? वे बेचारे कब मौका पाएंगे. इ सवाल मन को छू गया. चमनलाल सवाल मास्टर हैं. बड़ी सवाल करते हैं. वैसे चमनलाल आज भी नेशनल गेम्स का गेम सब देखने गए. लेकिन पब्लिक नदारद थी. चमनलाल को अब क्लोजिंग सेरेमनी का इंतजार है. बोले हैं-दो सप्ताह बाद अब फिर मिलते हैं. हम भी बोले ठीक है..तब तक के लिए पीछा छोड़िए.
3 comments:
जय हो चमन लाल जी की...
करारा
चमनलालजी टीवी पर देख लें।
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